किशोरी को नींद में चलने की थी बीमारी, यूं पहुंच गई मथुरा से सीधे अमृतसर
नींद में चलने की बीमारी के कारण एक 15 वर्षीय लड़की मथुरा से ट्रेन में सवार होकर अमृतसर पहुंच गई। किशोरी की तलाश में उसके परिवार वाले भटकते रहे।
जेएनएन, अंबाला शहर। नींद में चलने की बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है शायद इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 15 वर्षीय एक लड़की मथुरा से ट्रेन में सवार होकर अमृतसर पहुंच गई। किशोरी की तलाश में उसके परिवार वाले भटकते रहे। इक्कीसवेंं दिन अंबाला जिला युवा विकास संगठन द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन ने उन्हें सूचना देकर बताया कि आपकी बेटी हमारे पास है तब वे अंबाला पहुंचे और उसे ले गए।
हुआ यह कि नींद में चलने की बीमारी के कारण लड़की रात के समय घर से बाहर निकल गई। इसके बाद वह मथुरा में ही कुछ दिन यहां-वहां भटकती रही। फिर ट्रेन में सवार होकर अमृतसर स्वर्ण मंदिर पहुंच गई। वापसी में अंबाला में टीटीई ने जब ट्रेन में टिकट चेक किया तो लड़की के पास टिकट नहीं था, इसीलिए उसने लड़की को अंबाला उतार दिया।
यहां पर पुलिस की दुर्गा शक्ति इकाई ने लड़की को महिला थाने को सौंपा और महिला थाने ने चाइल्ड लाइन सौंप दिया। चाइल्ड लाइन के सदस्य कमल, सुजाता ने लड़की से स्नेह से पूछा तो उसने बताया कि वह छह भाई-बहन हैं। पिता हार्ट के मरीज हैं, मां घरों में काम करके परिवार का पेट पालती है, इसीलिए कोई भी भाई-बहन स्कूल नहीं जाता।
लड़की के पास न तो घर का पता था न ही मोबाइल नंबर, लेकिन उसने चाइल्ड लाइन की समन्वयक सुजाता को बताया कि वह मथुरा में जमुनानगर मेें रहती है। इसके बाद चाइल्ड लाइन ने वहां लगते थाने में संपर्क किया तो परिवार का पता चल गया।