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अलग-अलग राज्यों से आए शिक्षकों ने पेश किए शोध पत्र

जीएमएन कॉलेज छावनी में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। इसका विषय गुणवत्तापूर्ण उच शिक्षा प्रदान करने में हित धारकों की भूमिका था। विभिन्न राज्यों से पहुंचे प्रतिभागियों ने तीन तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 09:15 AM (IST)
अलग-अलग राज्यों से आए शिक्षकों ने पेश किए शोध पत्र

जागरण संवाददाता, अंबाला: जीएमएन कॉलेज छावनी में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। इसका विषय गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने में हित धारकों की भूमिका था। विभिन्न राज्यों से पहुंचे प्रतिभागियों ने तीन तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किए। इसमें वर्धमान महावीर मुफ्त विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आरएल गोदारा बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल शब्दों का ज्ञान नहीं है, बल्कि यह एक आंतरिक आभास है। प्राचार्य डॉ. राजपाल सिंह व गुणवत्ता आश्वासन सेल संयोजक डॉ. अंजू जैन की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ। इसी श्रृंखला में प्रो. कृष्णकांत व प्रो. प्रतिभा, अतिरिक्त निदेशक नैक, नई दिल्ली, बीज वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा का आधार धरातल से प्रारंभ होता है। शाहबाद नेशनल कॉलेज प्राचार्य डॉ. अशोक चौधरी ने विषय से संबंधित अनेक सार्थक उदाहरण देते हुए विषय की प्रासंगिकता को सिद्ध किया। जीएमएन कॉलेज ट्रस्ट एवं मैनेजमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. राहुल त्रेहान अपने विचार रखे। इस मौके पर कॉलेज प्रबंधन समिति प्रधान डॉ. गुरदेव, कार्यकारी सदस्य प्रो. एएस महाजन, पिकी गुप्ता, समन्वयक व उपिन्द्र कौर, डॉ. गीता सालवान, डॉ. वीके जैन, डॉ. राजेन्द्रा, डॉ. गासो, डॉ. वीके बिदल, प्रो. सज्जन सिंह, डॉ. एसएस नैन, सतीष मुदगिल आदि मौजूद रहे।

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