डिस्ट्रेस टोकन राशन के लिए सर्वे में लापरवाही, अपात्र भी कर दिए शामिल
कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने जहां बीपीएल परिवारों को महीने भर का राशन उपलब्ध कर
कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने जहां बीपीएल परिवारों को महीने भर का राशन उपलब्ध करवाया, वहीं कुछ परिवार ऐसे भी थे, जिनके पास कोई राशन कार्ड ही नहीं था। अब ऐसी स्थिति में इन परिवारों के लिए लॉकडाउन में कामकाज बंद होने के चलते राशन का संकट खड़ा हो गया। इसी को लेकर प्रशासन ने सर्वे शुरु कराया ताकि ऐसे परिवारों को राशन दिया जा सके। इसी में कुछ ऐसे लोग भी शामिल कर लिए गए, जो इस योजना के तहत पात्र ही नहीं थे। अब यह सर्वे करने वालों की लापरवाही रही या फिर जानकारी देने वालों ने गुमराह कर दिया, लेकिन प्रशासन की वेरिफकेशन में यह सब साफ हो गया। अब इसी को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है ताकि इस तरह की गड़बड़ी न हो पाए। पात्र परिवारों को डिस्ट्रेस (आपदा) राशन टोकन के तहत राशन दिया गया है।
जिले में कई परिवार ऐसे थे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था और उनके सामने लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार होने की स्थिति बन गई। ऐसे हालातों में प्रशासन ने सर्वे शुरु कराया। यह सर्वे वार्ड स्तर पर हुआ, जिसमें ऐसे परिवारों की पहचान की गई। पहले चरण में प्रशासन ने सर्वे में 904 प्राíथयों की पहचान की, जिनके पास राशन का कोई स्त्रोत नहीं था। लेकिन जब वेरिफिकेशन करवाई गई तो मामला काफी पेचीदा निकला। इन पात्रों में से 7149 को गेहूं व दाल दे दी गई, लेकिन 2155 ऐसे प्रार्थी पकड़ में आ गए, जो इस योजना के पात्र नहीं थे या फिर जो पते दिए गए, वहां पर वे मिले ही नहीं। अब दूसरे चरण के सर्वे में 3952 प्राíथयों को शामिल किया गया है, जो खुद को इस योजना के तहत पात्र मानते हैं। इन में से अब तक करीब 1248 प्राíथयों को वेरिफाई किया जा चुका है। इस बारे में प्रशासनिक प्रवक्ता का कहना है कि आवेदन के बाद वेरिफिकेशन किया जा रहा है, ताकि पात्रों तक योजना का लाभ मिल सके।