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आत्महत्या मामले में बढ़ी ज्वेलर की मुश्किल, मृतक की पत्नी ने दी शिकायत

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : साफ्टवेयर को हैक कर ज्वेलर मनीष अग्रवाल को उसके छह का¨

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 01:51 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 01:51 AM (IST)
आत्महत्या मामले में बढ़ी ज्वेलर की मुश्किल, मृतक की पत्नी ने दी शिकायत
आत्महत्या मामले में बढ़ी ज्वेलर की मुश्किल, मृतक की पत्नी ने दी शिकायत

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : साफ्टवेयर को हैक कर ज्वेलर मनीष अग्रवाल को उसके छह का¨रदों की ओर से लगाई गई चपत के मामले में अब खुद कारोबारी फंस गए हैं। पुलिस ने मामले में छह का¨रदों के खिलाफ केस दर्ज किया था उनमें से एक की आत्महत्या के मामले में अब कारोबारी मनीष अग्रवाल की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

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बता दें कि एसएस ज्वेलर के मालिक मनीष अग्रवाल की शिकायत पर 20 अक्टूबर को राम ¨सह सहित छह लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। इस की जानकारी पर राम ¨सह ने आत्महत्या कर ली। अब मृतक की पत्नी प्रेमलता ने ज्वेलर मनीष अग्रवाल व अन्य के खिलाफ उसके पति को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस को दी शिकायत में प्रेम लता ने कहा है कि उसके पति राम ¨सह को जानबूझ कर मामले में फंसाया गया। अस्पताल में भी उसके पति से कारोबारियों ने मिलने नहीं दिया। इसके बाद राम¨सह को चंडीगढ़ 32 सेक्टर अस्पताल में भेजा गया लेकिन वहां भी उसे उसके पति से कारोबारियों ने मिलने नहीं दिया। इस तरह उसके पति की वहां मौत हो गई। पीड़िता ने इस मामले में पुलिस ने कारोबारी मनीष अग्रवाल व उसके सहयोगियों पर केस दर्ज करने की गुहार लगाई है।

यह था पूरा मामला

पुलिस को दी शिकायत में बाल भवन होलसेल टैक्सटाइल मार्केट में स्थित मैसर्ज मनीष अग्रवाल ने बताया कि उनकी एसएस ज्वेलर्स की दुकान है। वह और उसके परिवार के सदस्य इसके पार्टनर हैं। वह सोने के आभूषण की खरीद-फरोख्त का काम लंबे समय से करते हैं। इसके अलावा सोने के आभूषण बनाने का काम भी करते हैं। जैसे ही सोने के आभूषण बनकर उसकी दुकान में आते हैं तो उन पर तोल व कारीगर की मेहनताना के मुताबिक टैग लगाया जाता था।

इस पर एक अनोखी पहचान भी लगाई जाती है। इसी अनोखी पहचान को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में दर्ज कर दिया जाता ताकि इसके हिसाब से ही आभूषण की खरीद-फरोख्त आसानी से की जा सके। यह सारा सिस्टम कंप्यूटर साफ्टवेयर आई क्लाउड सिस्टम पर चलता था। दुकान पर काफी नौकर / एजेंट / अकाउंटेंट काम करते हैं जिनके पास खरीद-फरोख्त व साफ्टवेयर की सारी जानकारी थी। इसी का फायदा उठाकर रतनगढ़ शहर निवासी अशीष यादव, कमल टेंट हाउस के नजदीक काजीवाड़ा में रहने वाले हर्ष ¨सगला, राहुल पुरी, राम ¨सह, राहुल शर्मा, मनी ने षड्यंत्र के तहत सोफ्टवेयर को हैक किया और उसे करीब एक करोड़ की चपत लगाई।


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