उपभोक्ताओं से दूध के पैकेटों पर निर्धारित दामों से ज्यादा वसूल रहे दुकानदार
नापतोल विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई, दुकानदारों से होती बहस नंबरिंग 02 लाख रुपये तक
नापतोल विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई, दुकानदारों से होती बहस नंबरिंग
02 लाख रुपये तक की अवैध वसूली हो रही रोजाना
18 रुपये में मिलता पैकेट, एक से दो रुपये ले रहे ज्यादा जागरण संवाददाता, अंबाला: डेयरी के दूध की जगह दुकानों से पैकेट खरीदने वाले उपभोक्ताओं से अवैध वसूली का धंधा जोरों पर है। दूध की कंपनियों द्वारा बाकायदा पैकेट के ऊपर दाम निर्धारित किए गए हैं। दुकानदारों को कमिशन भी दी जाती है। बावजूद इसके दुकानदार कम मुनाफे के चलते अपनी मनमानी कर प्रत्येक पैकेट के दामों पर एक से दो रुपये तक अत्याधिक वसूल रहे हैं। उपभोक्ताओं के विरोध करने पर उन्हें कई तरह के खर्च बता दिए जाते हैं। कई उपभोक्ता तो चुप्पी साध कर लौट जाते हैं, लेकिन जो निर्धारित से ज्यादा दाम लेने पर विरोध जताते हैं तो उनसे बहस शुरू हो जाती है। इस तरह रोजाना जिलेभर में एक से दो लाख रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही। मगर नापतोल विभाग है कि आंख मूंद कर बैठा है। कार्रवाई तो दूर की बात है कोई उपभोक्ताओं की समस्या सुनने को तैयार नहीं।
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कम मुनाफे के चक्कर में चल रहा खेल
दुकानदारों ने दूध में कम मुनाफे के चलते अपने के दाम निर्धारित कर दिए हैं जो दूध का पैकेट 18 में मिलता है उसे 19 से 20 रुपये तक वसूली जा रही। इसी तरह अधिक दाम वाले पैकेटों के अंदर पैसे वसूले जा रहे हैं। दैनिक जागरण ने दुकानों पर जाकर पड़ताल की तो पता चला कि दुकानदार को 40 से 70 पैसे तक प्रत्येक पैकेट पर छूट मिलती है। दुकानदार अपने खर्च जैसे पैकेट को फ्रिज में रखने व पॉलिथिन को भी उसमें जोड़ लेते हैं। ताकि उन्हें प्रत्येक पैकेट में अधिक मुनाफा मिल सके।
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रोजाना 10 लाख का होता है कारोबार
पैकेट वाले दूध की रोजाना भारी डिमांड रहती है। अमूल, मदर डेयरी, वीटा, वेरका आदि कंपनियां 7 से 8 लाख का कारोबार करते हैं। इस हिसाब से दुकानदार हर माह लाखों रुपये की अवैध तरीके से कमाई कर रहे हैं। केवल इतना ही नहीं दही की पै¨कग मे भी यह खेल खेला जा रहा है। कई बार उपभोक्ता संबंधित कंपनियों में भी अवैध वसूली की शिकायत कर चुके हैं। दुकानदारों को केवल चेतावनी देकर ही छोड़ दिया जाता है।
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फोटो- 54
नापतोल विभाग को करनी चाहिए कार्रवाई
दयाल बाग निवासी अजय का कहना है कि मुनाफा है तभी तो दुकानों पर दूध मिलता है। अवैध वसूली के खेल पर नापतोल विभाग भी सुस्त बैठा है। जिलेभर में यह खेल चल रहा है। इसके बावजूद अभी तक विभाग के अधिकारी है कि सुस्त बैठे हैं। उन्हें ठोस कदम उठाना चाहिए।
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फोटो- 55
दो रुपये ज्यादा वसूले जा रहे
महेश नगर निवासी वंश का कहना है कि रोजाना वह दूध का पैकेट लेने जाता है तो दो रुपये ज्यादा मांगे जाते हैं। कई बार पूछा भी तो दुकानदार कहीं ओर से दूध लेने की बात बोलकर कर टाल देते हैं। अगली दुकानों पर यहीं स्थिति होने के कारण मजबूरन खरीदना पड़ रहा।
------- मेरे संज्ञान में मामला नहीं है। कोई भी दुकानदार निर्धारित रेटों से ज्यादा नहीं वसूल सकता। कंपनी दुकान तक माल पहुंचा देती है। दुकानदारों को दूध बेचने का कमीशन मिलता है, फिर अधिक कीमत क्यों लेते हैं। ग्राहकों को ऐसे दुकानदारों के खिलाफ विभाग को शिकायत करनी चाहिए।
कमल सरीन, इंस्पेक्टर, नापतोल विभाग