कोरोना की भेंट चढ़ी 70 वर्ष पुरानी रामलीला
श्री रामलीला क्लब अधोया द्वारा पिछले 70 वर्षाें से की जा रही रामलीला का आयोजन इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया है। क्लब द्वारा इस बार कोरोना के मदे्दनजर रामलीला का आयोजन व दशहरा के दिन अग्नि भेंट किए जाने वाला रावण का पुतला नहीं जलाए जाने का निर्णय लिया गया है।
बलकार सिंह, बराड़ा
श्री रामलीला क्लब अधोया द्वारा पिछले 70 वर्षाें से की जा रही रामलीला का आयोजन इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया है। क्लब द्वारा इस बार कोरोना के मदे्दनजर रामलीला का आयोजन व दशहरा के दिन अग्नि भेंट किए जाने वाला रावण का पुतला नहीं जलाए जाने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आगामी 25 अक्तूबर को दशहरा है, लेकिन पिछले करीब छह महीनों से चल रही कोरोना महामारी ने इस साल मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की रूपरेखा ही बदलकर रख दी है। उपमंडल बराड़ा के दो पंचायत वाले गांव अधोया में सन 1951 से ही रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
क्लब के निर्देशक मास्टर जसवंत सिंह के अनुसार वे 1951 से ही इस क्लब से जुड़े हैं। जैसे ही रामलीला की रिहर्सल शुरू होती है तो कलाकर जमीन पर सोने लगते हैं। विजयदशमी व श्रीराम चंद्र के राजतिलक के उपरांत रामलीला का समापन रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाता है। विजयदशमी के 13 दिन बाद रावण की आत्मिक शांति के लिए पूजा-अर्चना के उपरांत ब्रह्माभोज का भी आयोजन भी किया जाता है। ------------- फोटो नंबर :: 211
अधोया गांव की रामलीला जहां ग्रामीणों की आस्था का केंद्र थी, वहीं भारी संख्या में लोग यहां हर वर्ष मन्नतें मांगने भी पहुंचते थे। प्रत्येक वर्ष गांव अधोया में धार्मिक अनुष्ठान व पवित्रता के साथ धूमधाम से रामलीला मंचन किया जाता था, जिसमें अधोया के अलावा आस-पास के गांवों से भी भारी संख्या में लोग उपस्थित होते थे।
- संदीप चौहान, प्रधान
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गांव अधोया के श्रीराम लीला क्लब द्वारा पिछले करीब 70 वर्षों से रामलीला का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण रामलीला का आयोजन बंद करना पड़ा है।
- अनिल अहलावासी, क्लब सदस्य
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पिछले 33 वर्षों से हो रही हरियाणा की सर्वश्रेष्ठ रामलीला का मंचन इस बार स्थगित कर दिया गया है। रामलीला क्लब बराड़ा द्वारा विश्व का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाने का रिकार्ड कायम किया है। इस बार परिस्थितियां अलग हैं।