ऑर्डर के इंतजार में दम तोड़ रही साइंस मार्केट
अब स्टाक नहीं रखते ग्राहक जरूरत के मुताबिक ही मंगाते हैं माल कारोबारी बोले एक्सपोर्ट भी घटा पहले इकट्ठा ऑर्डर आता था अब हुआ सीमित।
जारगण संवाददाता,अंबाला: विश्व भर में अपनी पहचान रखने वाली अंबाला की साइंस मार्केट इन दिनों ऑर्डर न मिलने से परेशान है। साथ ही हर माह जीएसटी रिटर्न भरने की अनिवार्यता भी कारोबारियों को परेशान कर रही है।
साइंस कारोबार अंबाला में लघु उद्योग के रूप में भी चल रहा है, लेकिन इन दिनों कारोबारी ऑर्डर के इंतजार में बैठे हैं। कुछ कारोबारी तो ट्रेडिग कर रहे हैं, जिनके लिए अपना कारोबार चलाना और बचाना दोनों ही मुश्किल साबित हो रहा है। मझौले कारोबारियों के लिए तो अभी कोई राहत मिलती दिख नहीं रही, जबकि मंदी से फिलहाल कारोबारी जूझ रहे हैं। कुछ कारोबारियों तक सिमटी मार्केट
साइंस मार्केट में मंदी का कोई एक कारण नहीं हैं। सिर्फ लोकल मार्केट ही नहीं, बल्कि एक्सपोर्ट भी काफी कम हो रहा है। पहले जो ऑर्डर अलग-अलग संस्थानों से कारोबारियों के पास आते थे, वह अब केंद्रीयकृत हो गए हैं। एक संस्था ही इन सभी शिक्षण संस्थानों आदि के लिए ऑर्डर देती है, जिसके कारण यह मार्केट कुछ कारोबारियों तक सिमटती जा रही है।
- जितेंद्र सहगल, पूर्व प्रधान असीमा, अंबाला पेमेंट अटकने से घटे ऑर्डर
साइंस कारोबार पर पहले जीएसटी 28 फीसद था, अब 18 फीसद है। इसके बावजूद, सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कारोबारी को रिटर्न हर महीने भरना पड़ता है, जबकि भुगतान तीन-तीन महीने तक लटकी रहती है। ग्राहक भी इसी कारण से सीमित ऑर्डर देते हैं, जिससे मंदी जैसे हालात हैं, जबकि पहले ग्राहक ऑर्डर देकर सामान स्टॉक करके रखता था।
- जय धीमान, साइंस कारोबारी अंबाला ऑर्डर के लिए भटक रहे कारोबारी
छोटे और मझोले कारोबारी ऑर्डर के लिए भटक रहे हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो मेन्यूफैक्चरिग के साथ अब ट्रेडिग भी करने लगे हैं। इसका कारण है कि मार्केट में ऑर्डर नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एक्सपोर्ट के ऑर्डर कम हैं और ज्यादातर ऑर्डर चीन जा रहे हैं। यदि सरकार कुछ करे, तो यह इंडस्ट्री चीन को कड़ी टक्कर दे सकती है।
- स्नेहपाल धीमान, साइंस कारोबारी, अंबाला