कोर्ट ने स्कूल संचालकों से कहा- वार्षिक शुल्क नहीं ट्यूशन फीस लें
शिक्षा सत्र 2020-21 में विद्यार्थियों से वार्षिक शुल्क कुछ स्कूलों द्वारा लिए जाने का विवाद जहां जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच गया है वहीं इस पर विभाग ने सख्ती करते हुए यह चार्ज न वसूलने का फरमान जारी कर दिया।
जागरण संवाददाता, अंबाला : शिक्षा सत्र 2020-21 में विद्यार्थियों से वार्षिक शुल्क कुछ स्कूलों द्वारा लिए जाने का विवाद जहां जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच गया है, वहीं इस पर विभाग ने सख्ती करते हुए यह चार्ज न वसूलने का फरमान जारी कर दिया। लेकिन इसी पत्र में यह भी कह दिया कि यदि किसी स्कूल ने कोई अन्य शुल्क लिया है, तो उसे समायोजित किया जाएगा। ऐसे में स्कूलों को इस पत्र के जरिये राहत देने का रास्ता भी दिखाई दे रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा इसे अदालती व शिक्षा निदेशालय का आदेश बता रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला के कुछ निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र 2020-21 का वार्षिक शुल्क वसूला जा रहा है। इसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जबकि इस पर अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा भी किया। वार्षिक शुल्क न देने पर बच्चों का रिजल्ट भी रोक दिया गया। यह मामला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक पहुंच गया। इसी पर अभिभावकों की शिकायत सुनते हुए जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सभी स्कूलों को पत्र जारी किया गया। इस में कहा गया कि सभी स्कूलों को पत्र जारी कर कहा गया कि पिछले सात माह की बैलेंस शीट जो चार्टर्ड अकाउंटेंट से वेरिफाई की हो, वह जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में जमा करवाई जाए। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि छात्रों से वार्षिक शुल्क न लेते हुए सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली लाए। यदि किसी ने ऐसा कोई अन्य शुल्क लिया गया है, तो उसे समायोजित किया जाए।
इस बारे में डीईओ सुरेश कुमार का कहना है कि ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क न लिया जा सकता है, जबकि इस पर कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा जो आदेश हैं, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।