पॉवर लिफ्टिग 100 केजी में संधू ने दी यूएसए के खिलाड़ियों को चुनौती
जिला एक युवा ने पॉवर लिफ्टिंग में देश में ही नहीं बल्कि विदेश तक के युवाओं को खुली चुनौती दे दी है और वह भी दूध-दही के दम पर।
अवतार चहल, अंबाला
जिला एक युवा ने पॉवर लिफ्टिंग में देश में ही नहीं, बल्कि विदेश तक के युवाओं को खुली चुनौती दे दी है और वह भी दूध-दही के दम पर। शाकाहारी रहने वाला दीपक संधू बिना बैंच शर्ट के प्रदर्शन करता है और उसके बावजूद भी 160 से ज्यादा किलो भार उठाता है। चुनौती के बाद यूएसए के खिलाड़ियों ने अपना दमखम परखने के लिए कोई जवाब नहीं दिया, जिस पर दीपक उनको रिमांइडर भी भेज चुका है। यूएसए के खिलाड़ियों द्वारा मैदान में ना आने पर दीपक ने अब प्रधानमंत्री से पत्राचार किया है। ताकि वह यूएसए के खिलाड़ियों को अपने दमखम से धूल चटा सके।
छावनी के दयाल बाग के रहने वाले दीपक संधू फार्मेसी के लेक्चरार थे। लेकिन 2012 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पॉवर लिफ्टिग को अपना भविष्य चुन लिया। इसके बाद से ही इसमें जुटे हुए हैं। वह भी दूध-दही और ड्राइ फ्रूट के दम पर। जबकि वेट लिफ्टिग में ज्यादातर खिलाड़ी मांसाहारी होते हैं। वह एचटू लिव फिट जिम में भी सिर्फ एक घंटा प्रेक्टिस करते हैं।
यूएसपीएलए और यूएसएपीएल को दी चुनौती
दीपक ने बताया कि देश में खेल मंत्रालय से कोई भी मान्यता प्राप्त पावर लिफ्टिंग की फेडरेशन नहीं है, जबकि जो फेडरेशन पहले इंडियन पावर लिफ्टिग फेडरेशन थी उसे खेल मंत्रालय की मान्यता थी, लेकिन 2017 में निलंबित कर दी गई। इस कारण उन्होंने यूनाटेड स्टेट्स पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन यूएसए और यूएसए पावर लिफ्टिग को 13 फरवरी को चुनौती दी है, इसके बाद 14 फरवरी और 4 मार्च को रिमांइडर भी भेजा जा चुका है। लेकिन कोई जवाब न आने पर प्रधानमंत्री को ग्रिवियंस के लिए भेजा है।
इनक्लाइन बैंच प्रेस में है माहरत
36 वर्षीय दीपक संधू पॉवर लिफ्टिंग की इनक्लाइन बैंच प्रेस केटेगिरी में माहरत हैं। जिसमें वह 100 किलोभार वर्ग में 160 किलो से ज्यादा वजन उठाकर प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने बताया कि वह ड्रग फ्री प्रतियोगिता में उतरते हैं। वह (वाडा) वर्ल्ड एंटी डोपिग एसेंजी 2015 और इंटरनेशनल गाइडलाइन के नियमों के तहत खेलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से करीब तीन महीने से पहले ब्लड और यूरिन के तीन डोप सैंपल, जो प्रतियोगिता वाले दिन और प्रतियोगिता के दौरान भी होते हैं।
बिना बैंच शर्ट के करता है तैयारी
संधू ने बताया कि बैंच शर्ट (रॉ) एक ऐसी टी शर्ट होती है, जिसे पहनने से ब्लड का संचार कम पड़ जाता है। इस कारण प्रतिभागी को वजन उठाना आसान हो जाता है और कमजोर प्रतिभागी भी अधिक भार उठा लेता है, लेकिन वह बिना बैंच शर्ट के वेट लिफ्टिंग करते हैं।