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पूर्व प्राचार्य की पेंशन से कटेगा आरटीआइ में लगा जुर्माना

प्रेमनगर स्कूल में तत्कालीन प्राचार्य अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि राज्य सूचना आयोग ने डायरेक्टर एजुकेशन को आदेश दिए हैं कि अनिल शर्मा ने सूचना नहीं देने की बतौर जुर्माना लगायी गई 75 हजार रुपये को जमा नहीं करवाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 06:45 AM (IST)
पूर्व प्राचार्य की पेंशन से कटेगा आरटीआइ में लगा जुर्माना

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्रेमनगर स्कूल में तत्कालीन प्राचार्य अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि राज्य सूचना आयोग ने डायरेक्टर एजुकेशन को आदेश दिए हैं कि अनिल शर्मा ने सूचना नहीं देने की बतौर जुर्माना लगायी गई 75 हजार रुपये को जमा नहीं करवाया। इस राशि को पेंशन राशि से काटने के निर्देश दिए गए हैं।

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सोनिया कालोनी के गुरिद्र सिंह ने प्रेम नगर स्कूल के प्राचार्य अनिल शर्मा से तीन आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी कि लेकिन प्राचार्य सूचना देने को लेकर टालमटोल करता रहा था। गुरिद्र का कहना था कि उन्होंने नवंबर 2016 में आरटीआइ लगायी थी जिसमें जानकारी मांगी थी कि स्कूल प्रिसिपल के ऑफिस में कैमरे किस फंड से लगाए गए हैं। कैमरे लगाने की अनुमति ली गई या नहीं। सूचना नहीं देने पर तत्कालीन प्रिसिपल को 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसी तरह दूसरे मामले में 16 नवंबर 2016 को आरटीआइ लगाई थी जिसमें रमसा फंड, पीटीए फंड, वाउचर, इनकम और खर्च से संबधित सूचना मांगी गई थी। इस मामले में भी वह उपस्थित नहीं हुए थे तो आयोग ने 25 हजार जुर्माना लगाया था। आवेदक ने 24 नवंबर 2016 को एक और आरटीआइ लगाई। इसमें नवंबर 2012 से नवंबर 2016 तक की उनकी हाजिरी का रिकॉर्ड मांगा गया था।

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दूसरे रिमाइंडर पर दिए गए आदेश

शिकायतकर्ता ने पहले भी रिमांडर डाला था, लेकिन इसके बाद दूसरा रिमाइंडर 25 नवंबर 2020 को सूचना आयोग को डाला था। जिसमें पूछा गया था कि राशि काटी गई या नहीं। जिसके बाद शिकायतकर्ता के पास रिप्लाई आया और डायरेक्टर एजुकेशन को पेंशन की राशि से रिकवरी करने के आदेश दिए गए। जबकि प्राचार्य अनिल शर्मा मार्च 2020 में रिटायर्ड हो गए थे।

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-चंडीगढ़ में लाखों रुपये हाउस रेंट बकाया

अंबाला में प्राचार्य रहने से पहले अनिल शर्मा चंडीगढ़ में तैनात थे। जहां उन्हें सेक्टर 33 में हाउस नंबर 704 मिला हुआ था। इस दौरान भी हाउस रेंट जमा नहीं करवाया गया। जिसकी राशि ब्याज के साथ 5 लाख 29 हजार 603 रुपये तक पहुंच गई है। इस मामले में भी चंडीगढ़ प्रशासन ने निदेशक को पत्र लिखा है।


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