सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने कूड़ा बीनने वाले बच्चों के लिए मंदिर में खोल दी पाठशाला
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: पंछी ने जब-जब किया पंखों पर विश्वास, दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश। इन्हीं पंक्तियों को जीवन में उतार रिटायर्ड प्रोफेसर एसपी शर्मा ने वह करने की ठानी जिसकी कल्पना भी बेहद कम ही लोग कर पाते हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: पंछी ने जब-जब किया पंखों पर विश्वास, दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश। इन्हीं पंक्तियों को जीवन में उतार रिटायर्ड प्रोफेसर एसपी शर्मा ने वह करने की ठानी जिसकी कल्पना भी बेहद कम ही लोग कर पाते हैं। दरिद्रता को जड़ से मिटाने के लिए शिक्षा के साथ मनोस्थिति को भी बदलने के लिए ऐसे बच्चों को शिक्षित करने का जिम्मा उठाया, जो या तो कूड़ा बीनने का काम करते थे या फिर उनके परिवार इस कार्य में संलिप्त हैं। सनातन धर्म कॉलेज अंबाला छावनी से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एसपी शर्मा ने टांगरी नदी क्षेत्र में मां काली के छोटे से मंदिर को पाठशाला बना डाला। उन्होंने निजी खर्च पर शुरुआत में 5 शिक्षक रखे।
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अब तक सौ से अधिक बच्चों को किया शिक्षित
टांगरी नदी क्षेत्र में मां काली के छोटे से मंदिर मंदिर के कमरे की दीवार पर ब्लैक बोर्ड बनाया और शिक्षक रखकर शुरू कर दी पाठशाला। वर्ष 2016 में उन्होंने यह शुरुआत की थी और अभी तक 100 से ज्यादा बच्चों को शिक्षित कर चुके हैं। एसपी शर्मा के इस साहसिक कार्य को देखते हुए अब विभिन्न संस्थाएं और संगठन उनका आर्थिक रूप से सहयोग करने लगे हैं। इसीलिए अब बड़ी निशुल्क पाठशाला का निर्माण भी शुरू कर दिया है।
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जुड़ता गया कारवां
रिटायर्ड प्रोफेसर के जोश और जुनून को देखते हुए कारवां जुड़ता चला गया। अब कई सामाजिक संगठन और संस्थाएं इस पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों और प्रोफेसर एसपी शर्मा की हर प्रकार से मदद करने के लिए आगे आ रही हैं।