बरसात और ओलावृष्टि से ठिठुरा जनजीवन, स्वास्थ्य व फसल के लिए फायदेमंद
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक बृहस्पतिवार तड़के से ही बरसात शुरू हो गई। जो दिन भर चलती रही। कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। 9.2 एमएम बरसात व ओलावृष्टि से पारा 4 डिग्री लुढ़क गया जिससे जनजीवन ठिठुरन की चपेट में नजर आया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक बृहस्पतिवार तड़के से ही बरसात शुरू हो गई। जो दिन भर चलती रही। कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। 9.2 एमएम बरसात व ओलावृष्टि से पारा 4 डिग्री लुढ़क गया जिससे जनजीवन ठिठुरन की चपेट में नजर आया। सुबह साढ़े आठ बजे तक 2.2 एमएम बरसात दर्ज हुई जबकि शाम साढ़े पांच बजे तक 7 एमएम बरसात दर्ज हुई। मौसम विभाग ने दिन का अधिकतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है जबकि न्यूनतम 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को भी बूंदाबांदी व बादल छाए रहने की संभावना जताई है। वहीं, बरसात के बाद कई इलाकों में कीचड़ व जलभराव झेला। बरसात के दौरान हवा चलने से किसान फसल के बिछने को लेकर ¨चतित रहे लेकिन बरसात का गेहूं की फसल पर सकारात्मक असर माना जा रहा है। बरसात के बाद मौसम में ठंडक बने रहने की संभावना बढ़ गई है।
निचले इलाकों में झेला जलभराव
बरसात से निचले इलाकों में जलभराव के हालात भी बने। विशेषकर सेक्टर-9 व 10 की उन सड़कों पर पानी जमा आया। सेक्टर-10 में उन सड़कों पर पानी जमा था जो अभी इंटरला¨कग नहीं हैं। वहीं, सेक्टर-9 में इंटरला¨कग टाइलों पर भी पानी जमा था। इसकी एक वजह यहां सीवरेज व्यवस्था सुचारू नहीं होना भी रहा। छावनी में बीडी फ्लोर मिल के पीछे व महेशनगर में भी निकासी की समस्या बनी रही। वहीं, बरसात के बीच कामकाजी लोगों ने खूब परेशानी झेली। अभिभावकों ने बरसात के बीच बच्चों को स्कूल छोड़ा। वहीं, दोपहर में बच्चों की घर वापसी को लेकर भी ¨चतित दिखे।
सरकारी कार्यालयों व अस्पतालों में कम रही चहल-पहल
बरसात का असर बाजारों पर भी देखा गया। छावनी व शहर के बाजारों में आम दिनों में खूब रौनक रहती है। हालांकि, बृहस्पतिवार को दिन भर बरसात चलने से यहां बेहद कम खरीददार नजर आए। यही हाल सरकारी कार्यालयों में भी रहा। नागरिक अस्पताल छावनी व शहर में रोजाना की ओपीडी के मुकाबले कम लोग आए। आपात अवस्था में ही लोग घरों से बाहर निकले।
किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी बरसात
बरसात के दौरान तेज हवा चलने व कहीं कहीं ओलावृष्टि से किसान अपनी फसल को लेकर ¨चतित रहे। हालांकि, कृषि विज्ञान केंद्र तेपला के मुताबिक इसका असर गेहूं पर पड़ने वाला नहीं है बल्कि गेहूं के लिए यह बरसात फायदेमंद है। इससे मौसम में ठंडक बनी रहेगी और फरवरी माह में मौसम ठंडा बना रहता है तो इसका असर धान के उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि विज्ञान केंद्र तेपला के विज्ञानी डॉ. रमेश जोहरड के मुताबिक हवा चलने व मामूली ओलावृष्टि का कोई असर नहीं पड़ेगा। गेहूं में अभी दाना तैयार नहीं है। इसका फसल पर सकारात्मक असर पड़ेगा। निचले इलाकों में जलभराव की स्थित भी बनी रही।
स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है बरसात
नागरिक अस्पताल शहर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभ ज्योति के मुताबिक इन दिनों जो स्वाइन फ्लू व अन्य फ्लू हैं उसका वायरस बरसात में वाश आउट हो जाता है। जिससे सेहत के लिए बरसात अच्छी है। हवा में बना वायरस खत्म हो जाएगा। हालांकि, ठंड व जुकाम के मामले बढ़ सकते हैं। विशेषकर बच्चों को खुले में नहीं खेलने देना चाहिए। बच्चे इंडोर खेलें तो सेहत के लिहाज से अच्छा है।