Move to Jagran APP

रेलवे की आय बढ़ाने में अफसरशाही बनी रोड़ा, राज्य सरकार को भी लाखों का नुकसान

रेलवे की झोली भरने के लिए एक तरफ टीटीई (ट्रेवलिंग टिकट इक्जामिनर) का टारगेट तय कर दिया गया तो दूसरी तरफ अफसरशाही ही आमदनी बढ़ाने में रोड़ा बन गई।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 08:54 PM (IST)
रेलवे की आय बढ़ाने में अफसरशाही बनी रोड़ा, राज्य सरकार को भी लाखों का नुकसान

अंबाला [दीपक बहल]। रेलवे की झोली भरने के लिए एक तरफ टीटीई (ट्रेवलिंग टिकट इक्जामिनर) का टारगेट तय कर दिया गया तो दूसरी तरफ अफसरशाही ही आमदनी बढ़ाने में रोड़ा बन गई। स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट हरियाणा (एसआरएम) स्क्वायड के टीटीई विडरा होने के कारण करीब डेढ़ साल तक एसआरएम चेकिंग ही नहीं हुई जिसका सीधा असर रेलवे और हरियाणा सरकार के खजाने पर पड़ा है।

loksabha election banner

यह साबित करने के लिए कि एसआरएम को टिकट चेकिंग का अधिकार ही नहीं, अंबाला से दिल्ली तक अफसरशाही एक हो गई लेकिन हाई कोर्ट ने अफसरशाही का झूठ पकड़ लिया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में महज एसआरएम चेकिंग से वसूल किए 84,75,500 रुपये का आंकड़ा पेश किया गया था।

बता दें कि सीनियर डीसीएम (वरिष्ठ मंडल कामर्शियल प्रबंधक) प्रवीण गौड़ द्विवेदी की 1 जून 2018 को याचिका खारिज कर दी थी। महिला अधिकारी को बचाने के लिए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे बोर्ड के सचिव ने हाई कोर्ट में सच छिपाया।

अफसरशाही ने कहा था कि एसआरएम को टिकट चेकिंग का अधिकार नहीं, जबकि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में रेलवे एक्ट 181 और रेलवे रूल 1209, 1404, 1402, 1403, 1405, 1406, 1407 का जिक्र करते कहा कि एसआरएम को चेकिंग के लिए जीआरपी या आरपीएफ उपलब्ध करवाना रेलवे की ड्यूटी है। कोर्ट ने रेलवे बोर्ड के सचिव को सीनियर डीसीएम के खिलाफ कार्रवाई कर छह माह में सूचित करने के आदेश भी दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार सन् 2009 से 2016 तक किस-किस एसआरएम ने टिकट चेकिंग कर जुर्माना वसूल किया, इसका ब्योरा भी हाई कोर्ट में पेश किया गया है। इन सालों में कुल 84,77,500 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया जिसमें से रेलवे के खजाने में 37,79,525 और राज्य सरकार की ट्रेजरी में 46,97,975 रुपये जमा हुए। इसके अलावा रेलवे और एसआरएम की संयुक्त चेकिंग से भी लाखों रुपये जुर्माने के तौर पर बेटिकट यात्रियों से वसूले गए।

उल्लेखनीय है कि एसआरएम नितिन राज ने 29 व 30 सितंबर 2016 को टीटीई मांगे थे, लेकिन उन्हें नहीं दिए गए। टीटीई नहीं मिलने पर एसआरएम नितिन राज ने सीनियर डीसीएम को अपना पक्ष रखने के लिए पहले 15 अक्टूबर को और फिर 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था। बावजूद इसके द्विवेदी पेश नहीं हुई। एसआरएम ने अधिकारी की दलीलों को खारिज करते हुए उनके खिलाफ आपराधिक केस चलाने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अंबाला की कोर्ट में केस चलाने के लिए फाइल भेजी।

मामला एडिशनल सेशन कोर्ट और फिर हाई कोर्ट पहुंचा लेकिन दोनों जगह से सीनियर डीसीएम की याचिका डिसमिस कर दी गई। इसी विवाद के कारण सितंबर 2016 से एसआरएम की टिकट चेकिंग बंद हो गई जिसका असर रेलवे और राज्य सरकार के खजाने पर पड़ा। सूत्रों का कहना है कि रेलवे के आला अधिकारी भी अब कानून के विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.