दुकान बनाकर लगा दो नेताजी का बोर्ड
अंबाला लीजिए अब कब्जा या फिर अवैध निर्माण का नया चलन शुरू हो चुका है।
अंबाला : लीजिए अब कब्जा या फिर अवैध निर्माण का नया चलन शुरू हो चुका है। नेताजी का होर्डिंग लगाकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लो। यह सब कुछ इन दिनों देखने को मिल रहा है। हो भी क्यों न सबसे आसान रास्ता भी यही है। अफसर भी कार्रवाई करने से पीछे हटेंगे, क्योंकि मामला नेताजी का के नाम का है। कुछ ऐसा ही मामला अंबाला शहर हुडा की जमीन पर देखने को मिला है। यहां पर नेताजी का फोटो लटका लिया और काम बन गया। हालांकि अब मामला हाईप्रोफाइल हुआ तो निगम ने आकर दुकानें सील कर दीं। अब नीचे दुकानें सील पड़ी हैं और ऊपर नेताजी का होर्डिंग लगा है। ऐसा एक मामला नहीं, बल्कि ट्विन सिटी में यह चलन काफी चल रहा है। कई जगहों पर तो निर्माण के दौरान कोई पंगा न पड़े, इसके लिए भी यही तरीका अपनाया जा रहा है। नेता जी का फोटो लटका लो और अपना काम कर लो। अब यह किस स्तर तक जाएगा कहा नहीं जा सकता है, लेकिन चलन काफी परेशानी वाला बन सकता है। चलिये देखते हैं फोटो कब्जाधारियों को बचाता है या फिर कार्रवाई होती है। बाबा जी का खौफ, अफसर भी जाग गए नींद से
गब्बर इज बैक तो याद ही होगा। अब रियल लाइफ में दाड़ी वाले बाबाजी यानी गब्बर का खौफ दिखने लगा है। अफसर भी नींद से जाग गए हैं और सीधे काम पर जुट गए हैं। बाबा जी ने भी साफ कर दिया था कि काम करने वाले अफसर जिले में रहें और जिनको काम नहीं करना है, वे जिला छोड़ दें। अब इतना ही कहना था कि अफसर भी जाग गए और अपने-अपने विभागों की टीम मैदान में उतार दी। अभी तो शुरुआत मानी जा रही है, जबकि आने वाले दिनों में कई ट्रेलर देखने को मिलेंगे। अफसर अब तक तो निर्देश जारी करके बैठ जाते थे, जबकि अब तो मॉनिटिरंग करनी होगी। अभी तो नगरनिगम और नगर परिषद ने शुरुआत कर दी है। धीरे-धीरे कुछ ऐसे ही हालात पुलिस महकमे भी देखने को मिलेंगे। पेंडिग फाइलों को निपटाने की तैयारी की जा रही है, जबकि अफसर भी अपने अधीन कर्मचारियों को निर्देश दे रहे हैं कि अब सिर्फ काम चलाने से बात नहीं बनेगी, जबकि अब तो सीधे मैदान में उतरकर काम करना होगा। महकमा चाहे पुलिस का हो या फिर कोई और हर विभाग पर नजर रहेगी। यदि कहीं पर भी लापरवाही दिखती है, तो कार्रवाई तय है। इसका ट्रेलर बाबा जी ने दिखा तो दिया है। अब पिक्चर कैसी होगी यह देखना बाकी है। भाजपा के खिलाफ मोर्चा या मौजूदगी का अहसास
सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन अपनी मौजूदगी का अहसास है या फिर मोर्चा खोला जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अपनी मौजूदगी को दमदार तरीके से दर्शाने के लिए जिला स्तर पर होने वाले प्रदर्शनों को लेकर तैयारियों में जुटी है। दूसरी ओर कांग्रेस का कौन सा खेमा साथ होगा और कौन दूरी बनाएगा, यह भी दिलचस्प रहेगा। कांग्रेस के बगावती नेता भी अपनी तैयारी करके बैठे हैं। कांग्रेस को भी दोहरे मोर्चो पर लड़ना है। एक ओर रुठे कांग्रेसी है, तो दूसरी ओर सभी को एकजुट कर सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोलना है। पहले भी कार्यक्रम तय किया गया, लेकिन इसे स्थगित कर दिया। अब जिला में कांग्रेस का यह प्रदर्शन कहां तक कामयाब रहता है देखने लायक होगा।
प्रस्तुति दीपक बहल