ईद-उल जुहा पर मस्जिदों में आम आवाम की सलामती के लिए पढ़ी गई नमाज
ईद-उल जुहा (बकरीद) पर शहर और छावनी में मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह पांच बजे मस्जिदों और ईदगाह पहुंचकर नमाज अदा करके मनाया।
जागरण संवाददाता, अंबाला : ईद-उल जुहा (बकरीद) पर शहर और छावनी में मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह पांच बजे मस्जिदों और ईदगाह पहुंचकर नमाज अदा करके मनाया। इसके साथ समाज के लोगों ने बकरीद पर अपने अपने घरों में कुर्बानी दी। छावनी के चूना चौक स्थित जामा मस्जिद में मौलाना असगर कासमी ने नमाज अदा कराई। शहर में तवक्कल शाह जामा मस्जिद में इमाम जमीर आलम शाह और छोटी मंडी दो खंबा चौक में ईद-उल जुहा की नमाज अदा की गई। नमाज अदा करने के लिए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कम कम लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत दी गई।
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पहले सिर्फ कुर्बानी की थी प्रथा
इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार आखिरी पैगंबर (मैसेंजर) हजरत मोहम्मद हुए। हजरत मोहम्मद के समय में ही इस्लाम ने पूर्ण रूप धारण किया और आज जो भी परंपराएं या तरीके मुसलमान अपनाते हैं वो पैगंबर मोहम्मद के समय की हैं, लेकिन पैगंबर मोहम्मद से पहले भी बड़ी संख्या में पैगंबर आए और उन्होंने इस्लाम का प्रचार-प्रसार किया। कुल 1 लाख 24 हजार पैगंबरों में से एक थे हजरत इब्राहिम। इन्हीं के दौर से कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ है।