स्टंट डलने के 15 मिनट बाद बुजुर्ग की मौत, पोस्टमोर्टम रिपोर्ट से होगा कारणों का खुलासा
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी की कैथ लैब में शनिवार को स्टंट डलने के कुछ देर बाद ह
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी की कैथ लैब में शनिवार को स्टंट डलने के कुछ देर बाद ही यमुनानगर जिले के गोलापुर निवासी निरंजन ¨सह (75 वर्षीय) की मौत हो गई। मरने से पहले मृतक ने स्टंट डलने के बाद परिजनों को उसे पहले से अधिक दर्द होने की बात कही थी। डॉक्टर उसे वेंटीलेटर पर लेकर गए लेकिन वहां निरंजन ¨सह ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने डॉक्टर व स्टाफ पर इलाज में लापरवाही करने के आरोप लगाए। परिजनों ने मामले की जांच करवाने के लिए कहा तो डॉक्टर ने पोस्टमार्टम करवाने की बात रखी। इसके बाद रविवार को सूचना मिलने के बाद रेजीमेंट चौकी पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मृतक का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ सिविल सर्जन के नाम पर लिखित शिकायत दी।
जानकारी के मुताबिक निरंजन ¨सह की कुछ दिन पूर्व तबीयत खराब हो गई थी जिस कारण परिजनों ने उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया। वहां डॉक्टर ने उनकी एंजियोग्राफी समेत अन्य टेस्ट किए और मरीज को दो स्टंट डलवाने की बात कही। हालांकि उस समय निरंजन ¨सह को स्टंट नहीं डाले गए थे और उनका इलाज शुरू कर दिया गया था। शनिवार सुबह निरंजन ¨सह को उसका बेटा कमलजीत व अन्य परिजन छावनी में नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने चेकअप करवाने के बाद कुछ टेस्ट करवाए और बाद में स्टंट डलवाने की बात कही।
स्टंट डलने के कुछ देर बाद मौत
करीब साढ़े तीन बजे डॉक्टर ने निरंजन ¨सह को स्टंट डालने के लिए ले गए। उससे पहले स्टाफ ने करीब 50 हजार रुपये फीस भी जमा करवा ली और बकाया 4 हजार रुपये परिजनों ने बाद में देने की बात कही। इसके बाद डॉक्टर ने बुजुर्ग को एक स्टंट डाल दिया। स्टंट डलने के बाद जब उनका बेटा अपने पिता से मिला तो उन्होंने बहुत ज्यादा दर्द होने की बात कही। डॉक्टर को इस बारे में बताया तो बुजुर्ग को वेंटीलेटर पर ले जाया गया लेकिन कुछ देर बाद ही बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बुजुर्ग का शव मांगा तो स्टाफ ने बकाया राशि जमा करवाने के लिए कहा। ऐसे में उन्होंने बकाया 4 हजार रुपये भी वहां जमा करवा दिए और उसके बाद शव उन्हें मिला।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
इस मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल में पहुंची और महज 174 की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करवाया। हालांकि रविवार को चार डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम करवाया गया। ऐसे में अब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता लग सकेगा। इसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
हाई रिस्क पर जानबूझकर डलवाया गया स्टंट
मरीज की फरवरी महीने में पीजीआइ से एंजियोग्राफी हो रखी थी जिसके मुताबिक डॉक्टर ने स्टंट डलवाने से इंकार कर दिया था। क्योंकि मरीज काफी हाई रिस्क पर था और उसे स्टंट डालने की हालत नहीं थी। परिजनों को स्टंट डलवाने से इंकार करने के बावजूद परिजनों ने जानबूझकर स्टंट डलवाया। बुजुर्ग को केवल एक ही स्टंट डाला गया था लेकिन उसकी हालत पहले ही गंभीर होने के कारण उसकी मौत हुई है। अस्पताल में उसका सारा रिकॉर्ड है।
राजीव, कैथ लैब मैनेजर।
डॉक्टर की लापरवाही से गई जान
मेरे पिता निरंजन ¨सह को वह शनिवार सुबह अस्पताल में लेकर आए थे। डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद करीब साढ़े तीन बजे उन्हें स्टंट डाला और दूसरे स्टंट की सफाई करने की बात कही गई। स्टंट डलने से पहले 50 हजार रुपये जमा करवा लिए थे। लेकिन स्टंट डलने के कुछ देर बाद ही उसके पिता की मौत हो गई। कैथ लैब स्टाफ ने तो बकाया 4 हजार रुपये जमा करवाए बगैर शव देने से भी इंकार कर दिया था। डॉक्टर की लापरवाही उजागर करने के लिए अपने पिता का पोस्टमार्टम करवाया है।
कमलजीत, मृतक का बेटा।
फोटो 36
मामले की जांच करवाई जाएगी
मुझे अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। लेकिन अगर इलाज के दौरान लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है तो इस मामले में जांच करवाई जाएगी।
डॉ. अशोक, सिविल सर्जन।