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22 करोड़ की ड्रग्स मामले में पुलिस की कहानी सीसीटीवी फुटेज में निकली झूठी, आरोपित बरी

22 करोड़ की ड्रग्स मामले में पुलिस की कहानी सीसीटीवी फुटेज में निकली झूठी, आरोपित बरी

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 01:34 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 01:34 AM (IST)
22 करोड़ की ड्रग्स मामले में पुलिस की कहानी सीसीटीवी फुटेज में निकली झूठी, आरोपित बरी
22 करोड़ की ड्रग्स मामले में पुलिस की कहानी सीसीटीवी फुटेज में निकली झूठी, आरोपित बरी

हरीश कोचर, अंबाला : करीब ढाई साल पहले पंजाब की लुधियाना पुलिस ने एक झूठी कहानी गढ़ी और अंबाला शहर निवासी कपड़ा कारोबारी म¨हद्र और उसके दो दोस्त जितेंद्र वासन व दिग्विजय चौहान को ड्रग्स के मामले में अपने साथ ले गई। पुलिस ने तीन आरोपितों के पास करीब 2 किलो 200 ग्राम ड्रग्स पकड़ी हुई दिखाई जिसकी कीमत करीब 22 करोड़ रुपये थी। पुलिस ने तीन दोस्तों को शहर बलदेवनगर में ¨कगफिशर के पास से पकड़ा लेकिन एफआइआर में इनकी गिरफ्तारी लुधियाना के वर्तमान चौक के पास से दिखाई। लेकिन जब आरोपित पक्ष के वकील ने नेशनल हाईवे पर बने टोल टैक्स पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो उसमें गाड़ी पंजाब साइड से आती-जाती दिखाई दी। ऐसे में पुलिस की गढ़ी कहानी कोर्ट में झूठी पड़ गई और अब कोर्ट ने तीनों आरोपितों को तीन दिन पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में बरी कर दिया।

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शहर निवासी म¨हद्र को पंचकूला सर्व ग्रामीण बैंक के प्रबंधक से करीब 3.80 लाख रुपये लेने थे। प्रबंधक ने उसे रुपये देने के लिए 17 मई 2016 को ¨कगफिशर के पास बुला लिया। जब म¨हद्र अपने दोस्त जितेंद्र वासन व दिग्विजय चौहान के साथ रुपये लेने पहुंचा तो वहां पहले से दो गाड़ियों में पंजाब पुलिस के कई जवान खड़े थे। वह उन तीनों को जबरन अपने गाड़ियों में बैठाकर लुधियाना ले गए। पुलिस ने झूठी कहानी गढ़ी और तीनों के पास से 2.200 किलोग्राम ड्रग्स बरामद होने पर उनके खिलाफ डिविजन नंबर-7 में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। इसके बाद तीनों को पुलिस ने सलाखों के पीछे भेज दिया। हालांकि कुछ दिनों बाद ही तीनों दोस्त जमानत पर बाहर भी आ गए थे। हालांकि जमानत होने से पहले इनके परिजनों ने बलदेवनगर थाने में इनकी गुमशुदगी बारे शिकायत दी थी जिसमें पुलिस ने एफआइआर के बजाए रोजनामचे पर रपट दर्ज कर ली थी।

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सीसीटीवी फुटेज ने खोली पुलिस की पोल

मामला कोर्ट में पहुंचा जिसमें पुलिस ने चालान पेश किया। इसमें बताया कि यह आरोपित वर्तमान चौक लुधियाना से नशीले पदार्थ सहित गिरफ्तार किए गए है। लेकिन जब आरोपित पक्ष ने घटना के दिन की एनएचआइ के जरिए पंजाब बोर्डर पर स्थित टोल टैक्स पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली तो सच से पर्दा उठ गया। फुटेज में पंजाब पुलिस की गाड़ी की आते और उन्हें लेकर जाते की फुटेज भी कैमरे में कैद हो गई। इसके साथ ही बलदेवनगर थाना पुलिस ने भी लुधियाना कोर्ट में जाकर उनकी गुमशुदगी बारे दर्ज डीडीआर की कॉपी कोर्ट में दिखाई। इसके अलावा खुद पुलिस जवानों के बयान भी कोर्ट में झूठे साबित हुए जिसके बाद कोर्ट ने अब आरोपित पक्ष के तीनों दोस्तों को इस मामले में बरी करते हुए अपना फैसला सुनाया।


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