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एनओसी न मिलने पर भड़के लोग, ईओ बोले-मैं काम करने बैठा हूं रोकने के लिए नहीं

नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) न मिलने पर छावनी के लोग भड़क गए। पहले संयुक्त आयुक्त सत्येंद्र सिवाच के चैंबर के बाहर रोष प्रकट किया और उसके बाद ईओ विनोद मेहरा से मिले।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 01:59 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 01:59 AM (IST)
एनओसी न मिलने पर भड़के लोग, ईओ बोले-मैं काम करने बैठा हूं रोकने के लिए नहीं
एनओसी न मिलने पर भड़के लोग, ईओ बोले-मैं काम करने बैठा हूं रोकने के लिए नहीं

जागरण संवाददाता, अंबाला : नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) न मिलने पर छावनी के लोग भड़क गए। पहले संयुक्त आयुक्त सत्येंद्र सिवाच के चैंबर के बाहर रोष प्रकट किया और उसके बाद ईओ विनोद मेहरा से मिले। ईओ ने लोगों से कहा कि मैं काम करने के लिए बैठा हूं रोकने के लिए नहीं। आप मुझे एक दिन और दो। एनओसी की फाइल को बृहस्पतिवार को या तो रिजेक्ट कर दूंगा या फिर मंजूर हुई एनओसी आपको मिल जाएगी।

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एनओसी को लेकर विरोध जताने वाले लोगों ने ईओ से पूछा कि एनओसी रद होने या नहीं करने के आब्जेक्शन क्या है? यह हमें भी बताया जाएं। ईओ ने लोगों से कहा कि बि¨ल्डग नियम और निगम के एक्ट पूरे होने पर ही एनओसी जारी होती है। अभी तक बि¨ल्डग ब्रांच साधारण तरीके से एनओसी जारी करती आ रही है जिसे सही किया जा रहा है। ईओ ने लोगों से यह भी कहा कि एनओसी जारी करने का मतलब सर्टिफिकेट देना है। एनओसी देनी की जो पुरानी परंपरा चली आ रही है वह उसके मुताबिक एनओसी जारी नहीं कर सकते। क्योंकि एक रिटायर्ड कानूनगो अंबाला शहर निगम कार्यालय में बैठा है जिसकी रिपोर्ट पर ही एनओसी जारी हो रही है। रिटायर्ड कानूनगो की रिपोर्ट को ही बि¨ल्डग ब्रांच आधार मान कर उसे ओके कर देती है जबकि Þएज पर' कानूनगो रिपोर्ट को न मानकर बि¨ल्डग इंस्पेक्टर और म्यूनिसिपल इंजीनियर को अपने नियम चेक करने चाहिए। इसीलिए बि¨ल्डग ब्रांच से कहा गया है कि वह नियमों के मुताबिक उसे ब्रीफ करें। इसके लिए एमई और बीआइ मौके पर जाएं या न जाएं। एनओसी की जो रिपोर्ट होगी उसमें बि¨ल्डग नियम और एक्ट पूरे होने चाहिए। एनओसी आवेदन कर्ता पर कोई बोझ या अतिरिक्त दस्तावेज अलग से या दोबारा नहीं मांगे जा रहे हैं। इसीलिए यह हमारी निगम की एनओसी जारी करने से पहले की कानूनी प्रक्रिया है। एनओसी जारी होने के बाद कोई सवाल न उठे। इसीलिए पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

चेक कराया जाएगा मामला

ईओ ने लोगों से एक दिन का समय मांगा है और कहा कि जो 25 एनओसी हैं उनको एक दो दिन में जारी कर दिया जाएगा। रजत, सुशील, अमित ओबराल, विमल गोयल, आशु विशिष्ट, जीवन कुमार, सुनील सेठी, राजीव जैन, रोहताश बत्तरा, रमेश वर्मा, लवली ¨सह और ओंकार ¨सह ने कहा कि निगम में 25 एनओसी नहीं है बल्कि 71 एनओसी पें¨डग हैं। ईओ ने कहा कि मेरे टेबल पर जो साइन होने के आई है वो सिर्फ 25 हैं यदि 71 हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि संबंधित ब्रांच से फाइलों के बारे में पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारी तहसील का काम कर रहे हैं जबकि हमें सिर्फ विकास शुल्क से मतलब है। इसीलिए संयुक्त आयुक्त से इस संबंध में बातचीत चल रही है कि रिपोर्ट तहसील कार्यालय करें। निगम कार्यालय में तो फाइल सिर्फ बीआइ के पास अंत में आएं और विकास शुल्क जमा होने के बाद एनओसी मिल जाएं।


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