आयुष्मान पात्रों की गलतियां सुधारने में लगे लोग, नहीं मिल रहा योजना का लाभ
आयुष्मान पात्रों की गलतियां सुधारने में लगे लोग नहीं मिल रहा योजना का लाभ
जागरण संवाददाता, अंबाला: आयुष्मान भारत योजना के पात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए विभाग की ओर से घरों में पत्र तो भेज दिए हैं, लेकिन इनमें नाम की गड़बड़ियां हैं। स्थिति यह बन चुकी है कि पत्र में नाम आने के बावजूद ना तो कार्ड बन पा रहे हैं और ना ही आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा है। इन गलतियों को सुधारने के लिए हर रोज नागरिक अस्पतालों में जाकर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसके अलावा दोबारा से नाम योजना में जुड़वाने का जिला स्तर पर कोई प्रावधान नहीं है। फोटो- 52
13 दिन के कार्ड बनाने के लिए काट रहे चक्कर
जवाहरगढ़ निवासी सुखदेव ने बताया कि वह पिछले 13 दिन से नागरिक अस्पताल छावनी में आयुष्मान भारत योजना के तहत अपना कार्ड बनाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। आधार कार्ड में सुखदेव है, जबकि आयुष्मान भारत योजना के तहत जो प्रधानमंत्री पत्र मिला है, उसमें उसका नाम सुखदेव सिंह लिखा है। इस कारण हर बार उनका कार्ड अधर में लटक जाता है। फोटो- 53
कार्ड न बनने का कारण नहीं पता चल रहा
दीनारपुर गांव निवासी सुरेश कुमार का कहना था कि आयुष्मान पत्र में नाम भी सही है और आधार कार्ड में भी। जब भी वह कार्ड बनवाने के लिए जाते हैं तो कार्ड ही नहीं बन रहा। अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे। कम से कम उन्हें कारण तो पता लगे कि क्यों नहीं बन रहा। छावनी के नागरिक अस्पताल में यह उनका तीसरा चक्कर है। वह मजदूरी करते हैं और नाम होने के बावजूद योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे। फोटो- 54
पत्र में दीपा को बना दिया दीपा देवी
दीनारपुर निवासी दीपा ने बताया कि कागजों में सभी जगह दीपा नाम ही चल रहा है। पत्र में पता नहीं कैसे दीपा देवी नाम आ गया। कई दिनों से वह नाम ठीक करवाने के लिए अस्पताल में काट रही है। हमेशा ही उन्हें कुछ दिन बाद आने की बात बोलकर लौटा दिया जाता है। कम से कम गलतियों को अस्पताल में ही दुरुस्त होनी चाहिए।