गोली से पैरालाइज हुए सैनिक को सम्मानित न करने पर लोगों में गुस्सा
भारतीय सेना के ऑपरेशन पराक्रम में कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए सैनिक रज्जाक मोहम्मद को गोलियां लगने पर 17 साल से व्हील चेयर पर है।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : भारतीय सेना के ऑपरेशन पराक्रम में कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए सैनिक रज्जाक मोहम्मद को गोलियां लगने पर 17 साल से व्हील चेयर पर है, लेकिन गणतंत्र दिवस पर उसे सम्मानित करना दूर न्योता तक नहीं दिया गया। इसको लेकर लोगों का गुस्सा फूटा और एसडीएम कार्यलय पर नारेबाजी की। बाद में एसडीएम और डीएसपी ने लोगों को समझाकर शांत किया। गांव बड़ागांव का रज्जाक मोहम्मद जो राजपूत बटालियन का सैनिक था। 2002 में भारतीय सेना के ऑपरेशन कश्मीर के अनंतनाग में उसने बटालियन के साथ उग्रवादियों के खिलाफ लोहा लिया था, लेकिन उसे दो गोली रीड की हड्डी में लगने पर उसका पेट के निचले हिस्सा पैरालाइज हो गया था। तब से लेकर अब तक वह 19 साल से दिव्यांग होने पर वह व्हील चेयर पर है। उसने बताया कि उसे एक बार मेडल जरूर मिला था, लेकिन उसके बाद यहां प्रशासन ने कभी 15 अगस्त या 26 जनवरी को सम्मानित नहीं किया। उसे इस बात पर मलाल होने पर आंखों में आंसू भर आते हैं कि देश के खातिर जिसने उग्रवाद से लोहा लिया था, आज उसे प्रशासन व शासन याद नहीं करता। क्षेत्र के समाज सेवक मास्टर अजय वालिया, मास्टर विनोद सैनी, हमीर सिंह, प्रदीप कुमार, मायाराम, रिटायर्ड कैप्टन सविंद्र सिंह पंजोडी, प्रीतम सिंह कुल्लडपुर, लालसिंह, मनीश कुमार,बबलू आदि एसडीएम कार्यलय पर पहुंचे। एसडीएम अदिति व डीएसपी अमित भाटिया ने दिव्यांग सैनिक और आएं लोगों को समझाया कि उन्हें किसी को सम्मानित करने के लिए विभाग या गांव का के सरपंच व मौजिज लोग बताने पर हम उन्हें सम्मानित करते हैं। अगर इस दिव्यांग सैनिक की सैनिक बोर्ड बात करता या गांव का सरपंच बात करता तो इस सैनिक को हम सम्मानित करते हैं।