घुटनों के दर्द का बहाना बनाकर फरार हुआ था पंचकूला का दीपक
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर सेंट्रल जेल से फरार होने के लिए बंदी दीपक ने घुटनों के
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
सेंट्रल जेल से फरार होने के लिए बंदी दीपक ने घुटनों के दर्द का का बहाना बनाया था। इससे पूर्व चंडीगढ़ के सेक्टर-32 में स्थित सरकारी अस्पताल से एमआरआइ की लंबी तारीख मिलने के कारण वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया था, दूसरा मौका उसने नहीं खोया। दीपक का आपराधिक रिकार्ड देखते हुए जेल प्रशासन ने पंचकूला पुलिस को सचेत किया था लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती, यही कारण रहा के जेल गार्द कर्मियों की आंखों में मिर्च झोंककर दीपक भागने में कामयाब हुआ। पंचकूला पुलिस द्वारा की गई तफ्तीश में सामने आया है कि सेंट्रल जेल से ही पूरी योजना तैयार की गई। 17 जून को पंचकूला के सरकारी अस्पताल से बंदी दीपक भाग गया था। वहीं पर केस दर्ज है।
तफ्तीशी सूत्रों के मुताबिक दीपक लंबे समय से जेल से भागने की फिराक में थे लेकिन उसे न तो समझ में आ रहा था न ही मौका मिल रहा था। सहयोगियों संग विचार विमर्श में उसे समझ में आया कि जेल में हड्डियों का डाक्टर नहीं है। यदि वह घुटनों के दर्द की कहे तो उसे सरकारी अस्पताल या फिर चंडीगढ़ रेफर किया जाएगा। वहां से वह भाग सकता है। सबकुछ योजना मुताबिक हुआ। पहली बार उसे एमआरआइ के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया लेकिन बड़ी तारीख मिली। दूसरी बार दर्द बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। तब पंचकूला के लिए रेफर किया गया था। जेल सूत्रों के अनुसार दीपक की संदिग्ध गतविधियों बता रही थी कि वह भाग सकता है। इसलिए जेल अधिकारियों ने पंचकूला गार्द को उसे हथकड़ी लगाने के लिए भी कहा था जोकि नहीं लगाई गई।
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यह हुई थी घटना
- 17 जून की सुबह जेल गार्द उसे लेकर करीब साढे़ आठ बजे पंचकूला के लिए रवाना हुई। जिला अस्पताल में योजनाबद्ध तरीके से मुलाजिमों पर हमला कर दिया गया। दोनों में हाथापाई भी हुई लेकिन बदमाशों ने सभी की आंख में मिर्च पाउडर डाल दिया था। बावजूद इसके एक मुलाजिम ने उसे पकड़कर रखा लेकिन बदमाशों ने उसे भी पीटा। दीपक को छुड़ाकर ले गए थे। पूरी घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी।
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हर पेशी व मेडिकल पर चेताया
- जेल प्रशासन के मुताबिक क्योंकि बंदी हार्ड कोर अपराधी था, इसलिए उसकी हर पेशी के दौरान पुलिस प्रशासन के लिखित तौर पर सजग रहने के लिए सचेत किया जाता था। जेल प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी का सजगता से निर्वाह किया। बंदी ने घुटनों के दर्द को फरार होने की योजना का आधार बनाया था।