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खेतों में पानी जमने से मंडी में धान की आवक हुई कम

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : खेतों में पानी जमा होने के कारण धान की कटाई का काम लगभग बंद ही पड़ा

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 09:20 AM (IST)
खेतों में पानी जमने से मंडी में धान की आवक हुई कम
खेतों में पानी जमने से मंडी में धान की आवक हुई कम

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : खेतों में पानी जमा होने के कारण धान की कटाई का काम लगभग बंद ही पड़ा है। इससे अनाज मंडी में धान की आवक में कमी आ गई है। जबकि जो अनाज मंडी में पहले से पहुंचा हुआ था उसका काफी हद तक उठान हो चुका है। इससे किसानों को भीगा हुआ अनाज सुखाने में राहत मिली है। हालांकि मंडी से अभी भी कबाड़ का उठान नहीं हो रहा, जिसके कारण कबाड़ की ढेरियां लगी हुई हैं।

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बता दें कि इस बार धान का सीजन जल्द शुरू हो गया था। 20 सितंबर से ही धान की आवक शुरू हो गई थी। इस पर आढ़तियों ने 25 से सरकारी बोली शुरू करवाने की मांग कर दी थी। ऐसे में 26 सितंबर को अनाज मंडी में करीबन 28 हजार क्विंटल धान की आवक हुई। अगले दिन 27 सितंबर को 61 हजार क्विटल धान की आवक हुई। इसके बाद 28 सितंबर को 96 हजार क्विटल धान की आवक हुई। इसके बाद भारी बरसात हो गई। इस कारण 29 और 30 सितंबर को अनाज मंडी में अनाज नहीं पहुंचा। ऐसे में सरकारी बोली नहीं हुई। 1 अक्टूबर को 21 हजार क्विटल की आवक हुई। अभी तक अनाज मंडी में कुल 2 लाख 07 हजार 799 क्विटल धान की आवक हो चुकी है। बुधवार को अनाज मंडी में करीबन 30 ट्रॉली धान की पहुंची। कबाड़ के ढेर उठान में नहीं ध्यान

अनाज मंडी में धान के कबाड़ के ढेर लग रहे हैं, लेकिन अभी तक मंडी प्रशासन का इन कबाड़ के ढेरों को उठाने की तरफ कोई ध्यान नहीं है। इन ढेरों के कारण मंडी में दुर्गंध फैल रही है, मंडी से निकलना मुश्किल हो जाता है। कबाड़ की ढेरियां किसानों के आड़े भी आ रही हैं। क्योंकि किसानों को मंडी में धान सुखाने में दिक्कत आती है। धान की बल्लियां काट बंडल बांध खेतों से निकालनी पड़ रही

धान की फसल पक चुकी है, लेकिन खेतों में पानी जमा होने के कारण धान की मशीन से कटाई संभव नहीं है। ऐसे में किसान खेतों से धान की बल्लियों की कटाई कर रहे हैं और कुछ लेबर का सहारा ले रहे हैं। इसके बाद बल्लियों को काटकर बंडल में बांधकर बाहर निकाल रहे हैं। इसके लिये किसानों को प्रति एकड़ पांच-पांच हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।

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वर्जन

अनाज मंडी से धान का उठान हो रहा है। अभी मंडी में ओर धान भी बेहद कम आ रहा है। जिले की सबसे बड़ी मंडी में बुधवार को महज 30 ट्रॉली ही धान पहुंची।

चंद्रमोहन, सुपरवाइजर, अनाज मंडी


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