नगर निगम के खाते में नहीं पैसे, कूड़ा उठाने का टेंडर लटका
नगर निगम के खाते में पैसे न होने से घरों से कूड़ा उठाने वाली कंपनी का टेंडर लटक गया है। निगम हर महीने कंपनी को एक करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान करने में सक्षम नहीं है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नगर निगम के खाते में पैसे न होने से घरों से कूड़ा उठाने वाली कंपनी का टेंडर लटक गया है। निगम हर महीने कंपनी को एक करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में निगम डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी का टेंडर फाइनल नहीं किया है। अब निगम प्रशासन दोबारा से घरों से कूड़ा उठाने वाली कंपनी के लिए टेंडर डलवा सकता है।
नगर निगम ने घरों से कूड़ा उठाने वाली कंपनी का करीब छह करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया है। इससे कंपनी हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गई है। अब कोर्ट में मामला विचाराधीन हैं। शहर में कंपनी ने चार महीने से कूड़ा उठाने का काम बंद कर दिया है। वहीं घरों से कूड़ा नहीं उठने से लोग परेशान हैं। साथ ही लोग निगम में लिखित शिकायत कर रहे हैं कि कंपनी ने कूड़ा उठाने काम बंद कर दिया है। इसके बावजूद निगम यूजर चार्ज वसूल रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। ऐसे में लोगों की समस्या के समाधान के लिए नई कंपनी को घरों से कूड़ा उठाने का टेंडर करना था। इसमें दो कंपनी ने टेंडर डाले थे, लेकिन कंपनी ने निगम से हर महीने करीब एक करोड़ 80 लाख रुपये प्रति महीने का रेट दिए हैं, जबकि निगम इतना पैसे का हर महीने कंपनी को भुगतान करने में सक्षम है। इसलिए अभी तक किसी भी कंपनी का टेंडर फाइनल नहीं किया। कंपनी से रेट कम करने के लिए मंथन चल रहा है। इसके बावजूद कंपनी रेट कम नहीं करेगी, तो दोबारा टेंडर डलवाने पर विचार किया जा रहा है। निगम ने अपने संसाधनों से कूड़ा उठाने काम शुरू कर दिया है। हालांकि निगम के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। इससे डंपिग प्वाइंट से शत-प्रतिशत कूड़ा उठाने का काम प्रभावित रहता है। इसलिए निगम हर सप्ताह एक डंपिग प्वाइंट की सफाई के लिए अभियान शुरू करता है, ताकि कूड़ा से लोगों को निजात मिले। निगम की माने तो पुरानी कंपनी का करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये प्रति महीने का खर्च था, जबकि नई कंपनी ने घरों से कूड़ा उठाने के रेट काफी ज्यादा दिए हैं। घरों से कूड़ा उठाने वाली कंपनी के रेट काफी ज्यादा है। इतने पैसा हर महीने निगम खाते से भुगतान करना संभव नहीं है। इसलिए कंपनी के लिए दोबारा से टेंडर करने पर विचार किया जा रहा है।
पार्थ गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम राजस्व वसूली में पिछड़ रहा
नगर निगम हाउस टैक्स की वसूली भी शत-प्रतिशत नहीं कर पा रहा है। नगर निगम का करीब 18 करोड़ रुपये हाउस टैक्स का बकाया है। वहीं मीट लाइसेंस, विज्ञापन से वसूली का कार्य भी ठंडे बस्ते में है। नगर निगम ने सालों से विज्ञापन से वसूली का टेंडर भी नहीं छोड़ा है। ऐसे में निगम राजस्व वसूली में भी पिछड़ रहा है।
सफाई के लिए आयुक्त ने निरीक्षण किया
नहान हाउस पर आयुक्त पार्थ गुप्ता ने सफाई को लेकर निरीक्षण किया। यहां पर नालियों और कूड़े की नियमित सफाई करने के आदेश दिए। यहां पर सड़क किनारे गंदगी फैली रहती है। मौके पर आयुक्त ने सफाई कर्मियों को नियमित कूड़ा उठाने के आदेश दिए। वहीं नालियों से पानी की निकासी के लिए सफाई के आदेश दिए गए।