अस्पताल ने गर्भवती को भगवान भरोसे छोड़ा, एंबुलेंस में हुई दो की डिलीवरी
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह जिले के नारायणगढ़ नागरिक अस्पताल में सोमवार रात को गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी में लापरवाही दिखी।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह जिले के नारायणगढ़ नागरिक अस्पताल में सोमवार रात को गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी में लापरवाही दिखी। प्रसूति से ठीक पहले गर्भवती महिलाओं को करीब 35 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल रेफर कर पल्ला झाड़ लिया और उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। एक महिला ने पंजाब के हंडेसरा के पास एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया। एंबुलेंस में मौजूद ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) की सूझबूझ से सुरक्षित डिलीवरी कराई। वहीं, दूसरी गर्भवती महिला की मदद के लिए पति के अलावा कोई नहीं था। इस महिला ने अंबाला शहर पहुंचने से पहले एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया। दोनों महिलाएं अब जिला नागरिक अस्पताल में दाखिल हैं।
परिजनों ने कहा एक तरफ तो स्वास्थ्य विभाग संस्थागत डिलीवरी की बात करता है और दूसरी तरफ अस्पताल से ऐन वक्त पर रेफर कर बीच रास्ते चलती एंबुलेंस में डिलीवरी के लिए बेसहारा छोड़ दिया जाता है। ईएमटी व चतुर्थ कर्मी ने निभाई जिम्मेदारी
नारायणगढ़ में ईंट भट्ठा पर काम करने वाली महिला ¨रकी को प्रसव पीड़ा के बाद नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ लाया गया था। महिला को सोमवार रात करीब 9 बजकर 5 मिनट पर अस्पताल से रेफर कर दिया गया जबकि स्थिति स्पष्ट थी कि उसे बीच रास्ते में ही डिलीवरी होना तय था। महज एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी सोनिया को साथ भेज दिया गया। महिला पति समेत परिजन साथ मौजूद थे। नारायणगढ़ से निकलने के बाद महिला को प्रसव पीड़ा और तेज हो गई। पंजाब के हंडेसरा के पास एंबुलेंस में मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मी सोनिया व ईएमटी दीपक ने महिला की एंबुलेंस में सुरक्षित डिलीवरी कराई। इसके बाद एंबुलेंस को पीएचसी पंजोखरा साहिब ले जाया गया। जहां महिला को जरूरी चिकित्सा एवं स्वच्छता के बाद जिला नागरिक अस्पताल रेफर किया गया। करीब पौने 11 बजे एंबुलेंस जिला नागरिक अस्पताल पहुंची।
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एंबुलेंस में डिलीवरी के समय सास बेहोश, पति बना सहारा
नारायणगढ़ के फिरोजपुर काटका से सुमन को पहली डिलीवरी के लिए नारायणगढ़ अस्पताल लाया गया था। इस महिला को भी अस्पताल से रेफर कर दिया गया। गर्भवती के साथ अस्पताल से कोई कर्मी नहीं भेजा गया। आशा वर्कर भी अस्पताल तक छोड़ कर चली गई थी। सास माया देवी व पति शैंटी के साथ सुमन को अंबाला शहर के लिए रेफर कर दिया गया। इस महिला ने भी अंबाला शहर से पहले एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया। एंबुलेंस में महिला का दर्द देखकर सास बेहोश हो गई और पति ने जैसे तैसे संभाला। डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा को प्रसूति विभाग में दाखिल करया गया। महिला सुमन ने दैनिक जागरण संवाददाता को बताया कि अस्पताल ने उसे रेफर कर मरने के लिए छोड़ दिया था लेकिन यह भगवान का शुक्र ही है कि उसकी व बच्चे की जान बच गई।
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मामला संज्ञान में आया है। डिलीवरी से ऐन पहले गर्भवती महिलाओं को यूं रेफर नहीं किया जा सकता है। डिलीवरी यूं बीच रास्ते नहीं होनी चाहिए। इस मामले की वह जांच कराएंगे। इसके बाद जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल