स्पेशल चाइल्ड तांशू बना आइस स्केटिग में नेशनल चैंपियन, इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए खुला रास्ता
स्पेशल बचे तांशू की काबिलियत पर जिन लोगों ने सवाल खड़े किए उसी ने आज फिगर एंड आइस स्पीड स्केटिग नेशनल लेवल विटर चैंपियनशिप में जीत दर्ज कर जवाब दिया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : स्पेशल बच्चे तांशू की काबिलियत पर जिन लोगों ने सवाल खड़े किए, उसी ने आज फिगर एंड आइस स्पीड स्केटिग नेशनल लेवल विटर चैंपियनशिप में जीत दर्ज कर जवाब दिया है। कैंटोनमेंट बोर्ड अंबाला के अधीन चलने वाले वात्सल्य स्कूल के इस खिलाड़ी के लिए स्वीडन में वर्ष 2021 में होने वाली वर्ल्ड विटर गेम्स के लिए रास्ता खुल गया है। उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम में 28 फरवरी से 3 मार्च तक हुई इस प्रतियोगिता में तांशू ने यह मुकाम हासिल किया। वात्सल्य स्कूल में मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा दी जाती है। यह बताना भी जरूरी है कि तांशू के लिए वात्सल्य स्कूल के स्टाफ, कैंटोनमेंट बोर्ड सहित समाजसेवी जयदीप भल्ला, चंद्रेश ने उल्लेखनीय सहयोग किया है।
यह रहा तांशू का सफर
तांशू की मां रजनी बाला अंबाला कैंट के सदर बाजार चौक पर टी स्टाल चलाती हैं, जबकि तांशू जब छह साल का था, तब उनकी मां उसे स्पेशल बच्चों के स्कूल वात्सल्य में लेकर आई थीं। यहां पर पढ़ाई में ज्यादा कुछ नहीं कर पाया, लेकिन खेल में तांशू की दिलचस्पी अधिक थी। यहां पर स्केटिग कोच चंद्रहास शर्मा ने तांशू की प्रतिभा को पहचाना और उसको सुभाष पार्क अंबाला छावनी के स्केटिग रिक में ट्रेनिग देनी शुरू की। तांशू ने चंडीगढ़ में हुई डेक्थालन में गोल्ड जीता, जबकि शिमला में हुई नेशनल चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। इसी तरह पंचकूला में हुई प्रतियोगिता में भी उसने सिल्वर मेडल हासिल किया। अब स्पेशल केटेगिरी में तांशू नेशनल चैंपियन बन चुका है।
इंटरनेशनल के लिए खुला रास्ता
गुरुग्राम में हुई फिगर एंड आइस स्पीड स्केटिग नेशनल लेवल विटर चैंपियनशिप में तांशू ने 111 मीटर की रेस को 36 सैकेंड में पूरा कर लिया। उसने दिल्ली के प्रियांशू को मात देकर देकर जीत हासिल की। अब स्वीडन में साल 2021 में होने वाली वर्ल्ड विटर गेम्स के लिए तांशू का रास्ता खुल चुका है और यहां से उसका नया सफर शुरू होने की उम्मीद बंधी है। जीत के बाद अंबाला लौटे तांशू का भव्य स्वागत किया गया।
वर्जन
तांशू की इस उपलब्धि में जहां उसकी मेहनत है, वहीं कैंटोनमेंट बोर्ड अंबाला के सीईओ वरुण कालिया का बड़ा सहयोग रहा है। बोर्ड ने ही स्कूल में ही स्केटिग रिक बनवाया, जबकि हर सुविधा उपलब्ध करवाई है। तांशू ने कभी निराश नहीं किया, जबकि वह अपने टारगेट को समझता है और उस तक पहुंचने के लिए हर संभव कोशिश करता है।
- चंद्रहास शर्मा, कोच
वर्जन
तांशू एक चैंपियन खिलाड़ी है और मेहनत के बूते उसने यह मुकाम हासिल किया है। उसने अपने स्कूल, जिला का नाम रोशन किया है। स्कूल को उस पर गर्व है, जबकि सीबीए भी हर स्तर पर खिलाड़ी को मदद करता रहा है।
- यशपाल कुमार, प्रिसिपल वात्सल्य स्कूल अंबाला कैंट