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मेरा निष्कासन असंवैधानिक : अजय चौटाला

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : इनेलो में चल रहे घमासान के बीच पार्टी के प्रधान महासचिव अजय

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:15 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 01:15 AM (IST)
मेरा निष्कासन असंवैधानिक : अजय चौटाला

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : इनेलो में चल रहे घमासान के बीच पार्टी के प्रधान महासचिव अजय ¨सह चौटाला बुधवार को अंबाला में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे। पार्टी से अपने निष्कासन को अजय चौटाला ने असंवैधानिक करार दिया है। चौटाला ने कहा कि यह अधिकार पार्टी महासचिव को होता है। जब पार्टी बनी तब चुनाव आयोग में उनके हस्ताक्षर हुए थे। चौटाला ने कहा कि उसे किस बात से निष्कासित कर दिया जबकि कभी एक शब्द भी पार्टी के विपरीत बोला हो या फिर कभी अपमानजनक शब्द पार्टी के लिए इस्तेमाल किया हो। उन्होंने कहा कि निष्कासन करने वाले लोगों से पूछा जाए कि जब वह पैदा नहीं हुए थे तब पार्टी उनके हस्ताक्षर से बनी थी। यह भी पूछा जाए कि किस अथारिटी से कर रहे हो। उन्होंने कहा कि अधिकार मांग कर नहीं लिए जाते बल्कि छीन कर लिए जाते हैं। यह बात खुद ओमप्रकाश चौटाला कहा करते थे। अब 17 को जींद में कार्यकर्ता फैसला लेंगे कि पार्टी तुम हो या हम हैं। इस मौके कार्यकर्ताओं ने हाथ खड़े कर पार्टी से अपना सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा भी की। वहीं, इनेलो जिला प्रधान सहित अभय समर्थक नदारद रहे।

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अजय चौटाला ने कहा कि वह 5 तारीख को जेल से निकला तो सीधा ताऊ देवीलाल की समाधि स्थल पर नमन करने गया। इसके बाद दिल्ली में पहुंचे कार्यकर्ताओं से रूबरू हुआ व निर्णय लिया था कि पूरे हरियाणा के कार्यकर्ताओं के बीच जाऊंगा। उनकी भावनाओं को जानने का काम करूंगा। पार्टी पर अधिकार किसी को नहीं है बल्कि प्रजातंत्र में जनशक्ति ही सबसे बड़ी है।

वह 40 साल से इस पार्टी को सींचने का काम कर कर रहे हैं। 10 साल की जेल काट रहे हैं जो कि बिना एफआइआर में नाम होते हुए भी बिना कोई साक्ष्य होते हुए भी निर्दोष सजा काट रहे हैं। जो कि मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि वह पार्टी व कार्यकर्ताओं के लिए काटी है।

अजय चौटाला ने कहा कि गोहाना रैली में किसी कार्यकर्ता ने मुर्दाबाद के नारे नहीं लगाए और ¨जदाबाद के नारे लगाने का काम तो लोगों की अपनी भावनाएं हैं। पहले नारे लगाने वाले लोगों को कांग्रेसी व भाजपा के पेड लोग बताया लेकिन जब ऐसे लोगों की शिनाख्त कर ली गई तो फिर किस बात के लिए दुष्यंत व दिग्विजय के निष्कासन को वापस नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को लंबे समय तक अपमानित किया गया लेकिन अब आगे वह नहीं होने देंगे। नैना चौटाला का निष्कासन अभी तक इसलिए नहीं किया गया कि उसे पार्टी का विधानसभा में विपक्ष का रूतबा चला जाएगा।

दुर्योधन से तुलना कर किया अप्रत्यक्ष हमला

- अजय चौटाला ने महाभारत में कौरव पांडवों का उदाहरण देते हुए अभय चौटाला पर अप्रत्यक्ष हमला किया। उन्होंने कहा कि पांडवों ने तो पांच गांव मांगे थे इस पर दुर्योधन ने कहा था कि सूई कि नोंक के बराबर जगह नहीं देंगे। इस पर पांडवों ने कहा था कि याचना नहीं अब रण होगा, जीवन होगा या मरण होगा। दुर्योधन तूं धराशायी होगा और इस ¨हसा का उत्तरदायी होगा।

केसी बांगड ने खटारा व वोल्वो बस से की पार्टी की तुलना

- केसी बांगड़ ने कहा कि साल 1998 में पार्टी बनी तो संविधान उसने लिखा था। जिसमें अजय चौटाला को प्रधान महासचिव बनाया गया था। पार्टी को रजिस्टर कराने के लिए ¨सबल कराने के दस्तावेजों पर अजय चौटाला के हस्ताक्षर हैं। जो अब कानूनी तौर पर संस्थापक हैं। इनेलो नेता केसी बांगड ने कहा कि कुछ लोग पहले जमीनों पर कब्जा करना चाहते थे अब वह पार्टी पर कब्जा करना चाहते हैं। 2029 तक ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। ऐसे में उनके सामने इनेलो में दो विकल्प है। एक खटारा बस है तो दूसरी वोल्वो बस है। अब कार्यकर्ताओं को फैसला करना है कि वह दुष्यंत की वोल्वो बस में चढ़ेंगे या फिर खटारा बस में सवार होंगे।


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