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मानव तस्करी की सूचना पर 10 वीं बार खंगाली कर्मभूमि एक्सप्रेस, 18 बच्चे किए रेस्क्यू, 3 को जांच के बाद छोड़ा

जागरण संवाददाता अंबाला न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर कर्मभूमि एक्सप्रेस में चलाया गया 10 वां रेस्क्यू अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 11:47 PM (IST)
मानव तस्करी की सूचना पर 10 वीं बार खंगाली कर्मभूमि एक्सप्रेस, 18 बच्चे किए रेस्क्यू, 3 को जांच के बाद छोड़ा
मानव तस्करी की सूचना पर 10 वीं बार खंगाली कर्मभूमि एक्सप्रेस, 18 बच्चे किए रेस्क्यू, 3 को जांच के बाद छोड़ा

जागरण संवाददाता, अंबाला : न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर कर्मभूमि एक्सप्रेस में चलाया गया 10 वां रेस्क्यू आपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। आपरेशन को सफल बनाने में सहारनपुर आरपीएफ का विशेष योगदान रहा। सूचना के आधार पर आरपीएफ ने सहारनपुर से ही ट्रेन में छानबीन शुरु कर दी थी और चलती ट्रेन में ही आरपीएफ ने लगभग 10 से अधिक बच्चों को पहले ही संरक्षण में ले लिया था। वहीं छावनी पहुंचने के बाद भी 15 से अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इनमें से सात बच्चों को दस्तावेज देखने के बाद मौके पर ही छोड़ दिया गया क्योंकि ये बच्चे 18 से अधिक उम्र के थे। वहीं 18 बच्चों में से तीन बच्चों के स्वजन खुद ही मौके पर पहुंच गए थे और उनके दस्तावेज देखने के बाद उन्हें भी छोड़ दिया गया। 15 बच्चों को आगामी कार्रवाई के लिए मेडिकल के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया गया और उन्हें छावनी स्थित ओपन शेल्टर होम भेज दिया है। जबकि उनके स्वजनों से भी संपर्क करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।

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पांच टीमों ने दिया सहयोग

ट्रेन में चलाए गए रेस्क्यू आप्रेशन के दौरान सबसे अहम रोल आरपीएफ का रहा। पूरी निष्ठा व लग्न के साथ सभी कर्मचारियों ने आप्रेशन में योगदान दिया। कार्रवाई के दौरान आरपीएफ के साथ बचपन बचाओ आंदोलन की टीम, रेलवे चाइल्ड टीम, एंट्री ह्यमैन ट्रैफिकिग टीम, चाइल्ड वेलफेयर टीम के सदस्य मौजूद रहे।

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12 से 17 वर्ष के बच्चे, जा रहे थे लुधियाना

ट्रेन से रेस्क्यू किए गए बच्चे 12 से 17 वर्ष के बीच हैं। उन्होंने बताया कि वह बेहद गरीब परिवार से संबंधित हैं। वह मेहनत-मजदूरी करने के लिए लुधियाना जा रहे थे ताकि फैक्ट्रियों में काम करके वह परिवार का सहारा बन सकें। इस दौरान बच्चों ने यहां तक गुहार लगाई कि उन्हें छावनी में ही काम उपलब्ध करवा दो, वो आगे नहीं जाएंगे। लेकिन इस बात का किसी के पास कोई जवाब नहीं था।

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यह आया था संदेश

मुखबिर की तरफ से बचपन बचाओ आंदोलन के पदाधिकारियों को जानकारी दी गई थी कि ट्रेन नंबर 12407 कर्मभूमि एक्सप्रेस में 18 से अधिक बच्चे मानव तस्करी के तहत लुधियाना ले जाए जा रहे हैं। इनमें से उसकी 5-6 बच्चों से बातचीत भी हुई है। इंजन के पास वाले कोच में 3 बच्चे, एस-2 कोच में 2 बच्चे, एस-5 में 3 बच्चे, एस-7 में 2 बच्चे, एस-8 में 3 बच्चे, एस-11 में 2 बच्चे और एस-14 में 3 बच्चे सफर कर रहे हैं।

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9 आप्रेशन में 108 बच्चों को किया जा चुका रेस्क्यू

मानव तस्करी की सूचना पर कर्मभूमि एक्सप्रेस को छावनी रेलवे स्टेशन पर खंगालने का सिलसिला जुलाई 2021 में आरंभ हुआ था। फिर अगस्त, सितंबर, अक्टूबर,नवंबर, अप्रैल 2022, मई, जून में एक-एक बार रेस्क्यू आप्रेशन चलाया गया। अगस्त माह में यह आप्रेशन दो बार चलाया गया है। 10 रेस्क्यू आप्रेशन के तहत संयुक्त टीम ने 123 बच्चों को संरक्षण में लिया है।

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कटिहार से सूचना मिली थी कि कर्मभूमि एक्सप्रेस में 18 से अधिक बच्चों को मानव तस्करी के तहत लुधियाना ले जाया जा रहा है। मामले की पहली जानकारी सहारनपुर आरपीएफ को दी गई। उन्होंने तुरंत ट्रेन में सर्च आप्रेशन चलाकर 10 से अधिक बच्चों को संरक्षण में लिया। वहीं ट्रेन के छावनी पहुंचने पर 15 से अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इसमें कुछ बच्चे 18 वर्ष से ऊपर मिले तो कुछ स्वजनों के साथ थे। 15 बच्चों को संरक्षण में लिया गया है और उन्हें आगामी कार्रवाई के लिए रेलवे चाइल्ड टीम के सुपुर्द कर दिया है।

यादविदर सिंह, प्रदेश समन्वयक, बचपन बचाओ आंदोलन।


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