अंबाला से शिफ्ट होगा आइओसी
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) अंबाला से शिफ्ट करने के पहले चरण की नींव रख दी गई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में आइओसी टर्मिनल बनकर तैयार हो गया है। इसका ट्रायल भी शुरू किया जा चुका है। इसका शुभारंभ होते ही अंबाला से हिमाचल प्रदेश जाने वाली सप्लाई अलग कर दी जाएगी।
दीपक बहल, अंबाला
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) अंबाला से शिफ्ट करने के पहले चरण की नींव रख दी गई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में आइओसी टर्मिनल बनकर तैयार हो गया है। इसका ट्रायल भी शुरू किया जा चुका है। इसका शुभारंभ होते ही अंबाला से हिमाचल प्रदेश जाने वाली सप्लाई अलग कर दी जाएगी। अंबाला से करीब चार सौ टैंकर रोजाना डीजल, पेट्रोल व अन्य पेट्रोलियम पदार्थों की सप्लाई की जाती है। इनमें से करीब 100 टैंकर हिमाचल प्रदेश के 90 पेट्रोल पंप पर जाते हैं। अंबाला का आइओसी आबादी के बीचों-बीच है। ऐसे में सुरक्षा कारणों को देखते हुए इसे शिफ्ट करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज विधानसभा में आवाज उठा चुके थे। इसलिए लिया गया फैसला
दरअसल, जयपुर में आबादी के बीच चल रहे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) में 2009 में विस्फोट हो गया था। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद, आबादी में चल रहे देश भर के विभिन्न आइओसी को शिफ्ट करने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था। इसी के तहत अब अंबाला के आइओसी को भी शिफ्ट किया जा रहा है। ढाई हजार का करोड़ का राजस्व
देश के खजाने में सालाना 2,500 करोड़ रुपये का राजस्व यहां से जाता है। इसमें से सालाना करीब 600 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार के खाते में जमा होते हैं। यहां के लिए होती है पेट्रोलियम पदार्थो की सप्लाई
अंबाला से पंजाब के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख में सप्लाई की जाती है। एयरफोर्स व आर्मी की विशेष सप्लाई भी यहीं से आपूíत की जाती है।
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पटरी किनारे और राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा हुआ है डिपो
अंबाला का आइओसी को शिफ्ट करने के पीछे तर्क दिए गए थे कि यह रेल पटरी से सटा हुआ है। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्ग भी कुछ दूरी पर ही स्थित है। इसके अलावा, आइओसी के पास शास्त्री कॉलोनी, बंधू नगर, रेल विहार भी हैं। सुरक्षा कारणों को देखते हुए अनिल विज कई बार इसकी शिफ्टिग की मांग कर चुके हैं। यही कारण रहा कि जिस जमीन पर आइओसी बना हुआ है, उसकी लीज नगर निगम ने भी बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
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हाईवे पर खतरा बन चुके थे टैंकर
अंबाला से भले ही 400 टैंकर विभिन्न राज्यों के लिए सप्लाई लेकर रवाना होते हैं, लेकिन यहां इनके खड़े होने का स्थान नहीं है। ऐसे में आमजन के लिए बनाई गई सर्विस लेन के किनारे ही टैंकरों की लंबी लाइन लग जाती हैं। इसको लेकर कई बार प्रशासन ने भी आइओसी अधिकारियों से आग्रह किया था। ऐसे में आइओसी के अधिकारियों ने टर्मिनल के पीछे बनी अपनी कॉलोनी को तोड़ दिया था। यहां पर करीब 165 टैंकर एक ही बार में खड़े किए जा सकते हैं। हालांकि, टैंकर अभी भी सर्विस लेन पर ही खड़े हो रहे हैं।
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अंबाला में गहराएगा रोजगार का संकट, राजस्व भी घटेगा
अंबाला आइओसी से सैंकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। चार सौ टैंकरों के चालक परिचालक और चार सौ टैंकर मालिक हैं। इसके अलावा आर्मी की स्पेशल सप्लाई के लिए भी मई से अक्टूबर तक अलग से 400 टैंकर लगाए जाते हैं। साथ ही आइओसी में भी अंबाला से कई लोग काम कर रहे हैं। ऐसे में 100 टैंकर ऊना में जाने के बाद कइयों पर रोजगार का संकट भी मंडराने लगेगा। रोजगार के साथ-साथ अंबाला नगर निगम और राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व का नुकसान होगा।
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बारह क्रास रोड पर पहले भी डिपो को किया जा चुका है शिफ्ट
अंबाला छावनी के बारह क्रास रोड पर स्थित भारत पेट्रोलियम डिपो को भी कई साल पहले शिफ्ट कर दिया गया था। यहां पर तेल भरने के लिए आने वाले टैंकरों के कारण कई बार सड़क हादसे हुए, जिनमें लोगों की जान तक गई थी। इसके अलावा यह डिपो भी घनी आबादी के बीच था, जिसके चलते सुरक्षा पर खतरा मंडराता रहता था। इसी कारण से इस डिपो को अंबाला से शिफ्ट कर दिया गया था।
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वर्जन
ऊना में नया टर्मिनल बन चुका है। उद्घाटन के बाद हिमाचल प्रदेश के पेट्रोल पंप पर सप्लाई वहीं से होगी। अंबाला में चार सौ टैंकर की सप्लाई होती है, जो अब घटकर तीन सौ रह जाएगी।
रवि शर्मा, सीनियर टीएम, आइओसी अंबाला