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एडीसी के अभियान को बढ़ाना आरटीए सचिव के लिए बनेगा चुनौती

ओवरलोडिग और खनन वाहनों पर सख्त कार्रवाई कर सुर्खियों में आई एडीसी एवं तत्कालीन आरटीए सचिव प्रीति के बाद अब विभाग की जिम्मेदारी गौरी मिड्ढा पर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 07:00 AM (IST)
एडीसी के अभियान को बढ़ाना आरटीए सचिव के लिए बनेगा चुनौती
एडीसी के अभियान को बढ़ाना आरटीए सचिव के लिए बनेगा चुनौती

जागरण संवाददाता, अंबाला : ओवरलोडिग और खनन वाहनों पर सख्त कार्रवाई कर सुर्खियों में आई एडीसी एवं तत्कालीन आरटीए सचिव प्रीति के बाद अब विभाग की जिम्मेदारी गौरी मिड्ढा पर है। वे जीएम रोडवेज का पदभार संभाल रहीं थीं, जबकि अब उनको सचिव आरटीए अंबाला लगाया गया है। एडीसी प्रीति ने जिस तरह से कार्रवाई की थी, उसके बाद उनकी टीम पर हमला हुआ था। इस मामले में कई ट्रांसपोर्टरों पर मामला भी दर्ज हुआ था और गिरफ्तारी भी हुई थी। अब आरटीए सचिव गौरी मिड्ढा के लिए अब चुनौती है कि क्या वे उसी तर्ज पर कार्रवाई को अंजाम देंगी, जिस तरह से एडीसी व उनकी टीम ने की थी।

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उल्लेखनीय है कि एडीसी अंबाला एवं तत्कालीन आरटीए सचिव प्रीति ने अंबाला में खनन माफिया और ओवरलोडिग कर चलने वालों पर कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान ऐसे गिरोह का भी पर्दाफाश किया, जो आरटीए सचिव की मूवमेंट पर नजर रखता था और अपने साथियों की लोकेशन शेयर करता था। इसी जानकारी के आधार पर खनन माफिया और ओवरलोडेड वाहन अपना रूट तय करते थे। यह जानकारी वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से शेयर की जाती थी। इसके बाद एडीसी प्रीति ने पंजोखरा थाना क्षेत्र में कार्रवाई। इस मामले में तो एडीसी व उनकी टीम पर हमला तक किया गया और एक गाड़ी को पलट भी दिया गया। इसके बाद साहा में विभाग की टीम ने कार्रवाई, की तो ट्रांसपोर्टर भी भड़क गए।

अब आरटीए सचिव का पदभार गौरी मिड्ढा को सौंपा गया है। उनके सामने चुनौती रहेगी कि वे एडीसी की कार्रवाई को किस तरह से आगे बढ़ाती हैं। मूवमेंट को किस तरह से गोपनीय रखा जाए और कैसे खनन माफिया और ओवरलोडिग वाहनों पर शिकंजा कसा जाए, इस पर नजर रहेगी। विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा ही चर्चाओं में रही है, जबकि अब एडीसी प्रीति द्वारा पूर्व में की गई कार्रवाई के बाद इसे आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण रहेगा।

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इस तरह महकमे की खुल गई थी पोल

एडीसी एवं तत्कालीन आरटीए सचिव प्रीति की कार्रवाई ने विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। बीते साल अगस्त माह में जितना जुर्माना वसूला गया था, उसी माह में साल 2020 में जुर्माना वसूली में इजाफा हो गया था। अगस्त 2019 में महज 7 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए थे। अगस्त 2020 में यह आंकड़ा करीब 33 लाख पहुंच गया। सितंबर 2019 की बात करें तो 25 लाख रुपये से अधिक तक का जुर्माना वसूल किया जा चुका है। महज एक गाड़ी का चालान कर करीब 65 हजार रुपये किया गया है। पहले चेकिग में खानापूर्ति होती थी।


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