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जलसंरक्षण की भागीदारी में मिसाल बने जीएमएन और एसडी कॉलेज व कैंटोनमेंट बोर्ड

अंबाला छावनी के एसडी और जीएमएन कॉलेज सहित कैंटोनमेंट बोर्ड ने जलसंरक्षण का जिम्मा उठाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 02:00 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 02:00 AM (IST)
जलसंरक्षण की भागीदारी में मिसाल बने जीएमएन और एसडी कॉलेज व कैंटोनमेंट बोर्ड

जागरण संवाददाता, अंबाला : आज जल संरक्षण एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन गई है। भूगर्भ जल का निरंतर गिरता स्तर आने वाली पीढि़यों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकती है। तमाम हालातों में सुधार के लिए अंबाला छावनी के एसडी व जीएमएन कॉलेज सहित कैंटोनमेंट बोर्ड ने जिम्मा उठाया है। अपने प्रयासों की बदौलत यह जलसंरक्षण के लिए काम करने वालों के लिए मिसाल बने हुए है। कैंटोनमेंट बोर्ड जहां 8 एकड़ में बनी आकाश गंगा डिग्गी को बरसाती जल के संचयन कर रहा है, वहीं जीएमएन कॉलेज में छह वाटर रिचार्जिंग बोरवेल लगाए हैं। वहीं, एसडी कॉलेज में यह आंकड़ा आठ तक पहुंच चुका है। यह कदम क्षेत्र में जलभराव की समस्या से तो निजात देगी ही बल्कि बरसाती जल के संचयन एवं भूजल स्तर को ऊपर उठाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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14 करोड़ लीटर हो रहा बरसाती पानी संग्रह

सैन्य क्षेत्र स्थित कैंटोनमेंट बोर्ड की आकाश गंगा डिग्गी में 14 करोड़ लीटर बरसाती पानी संग्रह कर रहा है। आसपास के बरसाती पानी को ड्रेन से जोड़कर यहां लाया गया है। पानी साल भर झील में बना रहे इसको लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को संशोधन के बाद झील में गिराया जा रहा। इससे पहले कैंटोनमेंट ने 3.5 एकड़ में ¨हदू गार्डन डिग्गी को विकसित किया था।

शिक्षण संस्थानों को जल संरक्षण की प्रेरणा दे रहा कॉलेज

एसडी कॉलेज छावनी के खेल मैदान में बरसात के बाद पानी जमा हो जाया करता था और कई कई दिन मुश्किल बनी रहती थी। शिक्षण संस्थान ने इसका जो हल निकाला उससे जलभराव से तो निजात मिली ही बल्कि कॉलेज का कदम जल संचयन एवं संरक्षण में भी कारगर साबित हुआ। कॉलेज प्राचार्य डॉ. राजिन्द्र ¨सह व प्रवक्ता डॉ. नवीन गुलाटी ने बताया कि शुरुआत में यहां दो वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाए गए थे और इसकी सफलता को देखते हुए इस सत्र में छह और लगाए गए हैं।

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बरसाती जल का संचयन जरूरी

बरसाती जल को व्यर्थ बहने देने के बजाय संचयन बेहद जरूरी है। इसी दिशा में कॉलेज के अंदर आठ वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाए गए है। इससे लगातार नीचे जा रहे भू-जल स्तर को रोकने में काफी मदद मिल रही है। अगर अन्य संस्थान व लोग जल सरंक्षण के प्रति जागरूक हो जाए तो यह काफी कारगार साबित होगा।

डॉ. रा¨जद्र ¨सह, प्राचार्य, एसडी कॉलेज अंबाला।


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