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102 साल पुरानी ओरिएंटल साइंस फैक्ट्री ने आमदनी से अधिक खर्च होने पर निकाले कर्मी

साल 1919 में अंबाला को साइंस की पहचान दिलाने वालों में एक दी ओरिएंटल साइंस अपरेटस वर्कशाप कोरोना काल में घाटे से उबर नहीं पा रही है। आमदनी की अपेक्षा खर्च तीन गुना बढ़ गया है। इसके चलते अब फैक्ट्री ने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 07:20 AM (IST)
102 साल पुरानी ओरिएंटल साइंस फैक्ट्री ने आमदनी से अधिक खर्च होने पर निकाले कर्मी
102 साल पुरानी ओरिएंटल साइंस फैक्ट्री ने आमदनी से अधिक खर्च होने पर निकाले कर्मी

जागरण संवाददाता, अंबाला : साल 1919 में अंबाला को साइंस की पहचान दिलाने वालों में एक दी ओरिएंटल साइंस अपरेटस वर्कशाप कोरोना काल में घाटे से उबर नहीं पा रही है। आमदनी की अपेक्षा खर्च तीन गुना बढ़ गया है। इसके चलते अब फैक्ट्री ने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। फैक्ट्री में प्रतिमाह पांच लाख से अधिक का नुकसान होने की बात संचालक बोल रहे हैं।

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कर्मचारियों को निकालने के विरोध में बुधवार को हंगामा हुआ। छावनी के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्ट्री के बाहर हंगामे के दौरान संचालक नीरज गर्ग की तबीयत तक बिगड़ गई। कर्मचारी फैक्ट्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और संचालक पर आरोप लगा रहे थे। कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और नौकरी से निकलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। हालांकि संचालक नीरज गर्ग ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा। बाद में हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एचएसआइडीसी) के प्रधान दयाल चंद गुप्ता सहित अन्य भी पहुंचे और बीच बचाव कर कर्मचारियों को शांत किया। कर्मचारी काम से लौट गए और नहीं आने की बात कही, जबकि नीरज गर्ग काम करने के लिए उनको बुलाते नजर आए।

दैनिक जागरण से बातचीत में संचालक नीरज गर्ग ने कहा कि ऐसे ही हालात रहे तो फैक्ट्री बंद भी की जा सकती है। हालांकि वे बोले उनका सपना है कि कर्मचारी फैक्ट्री से रिटायर हों और उनको फूल मालाएं पहनाकर विदा करें।

-------- बकाया भुगतान की मांग, मालिक बोले - नहीं है देनदारी

ओरिएंटल साइंस वर्कशाप कंपनी प्रबंधन पर कर्मचारियों ने तानाशाही का आरोप लगाया। पिछले कुछ दिनों से रोजाना एक दो कर्मचारी को किसी न किसी बहाने नौकरी से जबरन निकाला जा रहा है। अब तक निकाले जा चुके 20 से अधिक कर्मचारी बुधवार को लामबंद होकर कामकाज बंद कर कंपनी के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कंपनी के मालिक नीरज गर्ग प्रदर्शन कर रहे लोगों को मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन कर्मचारी इस्तीफे की बात करते हुए अपना बकाया भुगतान करने की मांग पर अड़े रहे। उधर, संचालक का कहना है कि कोई देनदारी नहीं है। -------------- कर्मचारियों ने विज के नाम लिखा पत्र

कर्मचारियों ने प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नाम पत्र लिखकर अपनी समस्या बताई है। विज को लिखे पत्र पर सुनील कुमार, तरसेम लाल, विजय कुमार, कृष्ण चंद्र, संजीव कुमार, सुखदर्शन, सुंदर लाल राजबीर, रजनीश, राकेश, रजनीश, राकेश आदि ने कहा कि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिता सताने लगी है। बुधवार को भी राकेश कुमार को नौकरी से निकाल दिया गया। इस पर कर्मचारी एकत्रित हुए और गेट पर विरोध किया। कंपनी मालिक ने सभी कर्मचारियों को वापस काम पर लौटने को कहा, जबकि कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने और बकाया भुगतान की मांग पर अड़े रहे।


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