होली पर चढ़ा चुनावी रंग, पार्टियों के झंडे से मिलते गुलालों की भारी डिमांड
रंगों के त्योहार होली इस बार खुद चुनावी रंग में रंगी नजर आ रही है। होली में चार ही शेष बचे है और बाजारों में होली को लेकर रंगों पिचकारी आदि की जमकर खरीददारी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : रंगों के त्योहार होली इस बार खुद चुनावी रंग में रंगी नजर आ रही है। होली में चार ही शेष बचे है और बाजारों में होली को लेकर रंगों, पिचकारी आदि की जमकर खरीददारी की जा रही है। भले ही बाजारों में आचार संहिता से पार्टियों के प्रचार व प्रसार पर असर पड़ा है। लेकिन पार्टी के चहेते होली के मौके का भी फायदा उठाने से पीछे नहीं हट रहे। सभी पार्टी के लोग अपने-अपने पार्टी के झंडे व रंग के गुलाल की जमकर खरीददारी कर रहे हैं। इसलिए भाजपा के चहेतों को जहां भगवा रंग गुलाल रहा है तो वहीं इनेलो के कार्यकर्ताओं को हरा। ताकि वह होली पर हर किसी को अपने रंग में रंग सके। दूरदराज के क्षेत्रों से आकर बसे लोग होली के रंगों की खरीददारी कर अपने-अपने घरों की ओर लौटने की तैयारियों में जुट गए हैं।
लुभा रहे रंग-बिरंगे मुखौटे व नकली बाल
पिछले कुछ सालों से अलग-अलग मुखौटे पहनकर होली खेलने का ट्रेंड शुरू हुआ है। युवाओं में यह क्रेज सबसे अधिक नजर आया है और इस नए ट्रेंड को भुनाने के लिए इस बार बाजार में रंग-बिरंगे मुखौटे आए है। इनमें कुछ मुखौटे रंग-बिरंगे बालों वाली विग के साथ आए है तो कुछ मुखौटे ऐसे हैं जिनसे पूरा चेहरा व सिर ढका जा सकता है। मुखौटे व विग के रंग के साथ मेल खाली सीटी भी उपलब्ध कराई जा रही है और इनकी सबसे अधिक मांग युवाओं में ही रहती है।
होली पर पटाखों वाले गुलाल उड़ाने की तैयारी
इस बार भी होली पर रंगों वाले पटाखों की खूब डिमांड है। इन्हें आग से जलाने पर रंगों के फव्वारे फूटते हैं। इसकी खासियत यह है कि इनसे आवाज नहीं आती और आसमान में बिखरते रंगों का नजारा देखने लायक होता है। इनमें भी कई फैंसी कलर हैं। हर आइटम की अलग खासियत है। इनमें कलर शॉट्स, स्मॉग पाइप, स्मॉग फाउंटेन, मैजिकल आइस खासा चर्चा में हैं। दुकानदार नीटू अरोड़ा ने बताया कि इस तरह के कलर आइटम्स पिछले कुछ सालों से बाजार में आ रहे हैं और धीरे-धीरे इनकी मांग भी काफी बढ़ रही है। लोगों के बीच इन्हें खासा पसंद किया जा रहा है। खासकर बच्चे और युवा इनमें खूब रुचि ले रहे हैं। चुनावी रंग को देखते हुए भगवा, नीले, व हरे रंग की ज्यादा डिमांड है।