जागरुकता का दिखा असर, दो साल में एड्स रोगियों पर नियंत्रण
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दो साल में एड्स रोगियों का ग्राफ नहीं बढ़ा है। एड्स रोगियों के ग्राफ पर नियंत्रण भी होने लगा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिले में एड्स के प्रति जागरुकता का असर दिखने लगा है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दो साल में एड्स रोगियों का ग्राफ नहीं बढ़ा है। एड्स रोगियों के ग्राफ पर नियंत्रण भी होने लगा है। विभाग के आंकड़ों को देखे तो वर्ष 2017 में 122 एड्स पॉजीटिव मिले थे, और 2019 में भी 122 एड्स रोगी पॉजिटीव मिले हैं। जबकि 2016 में केवल 111 पॉजीटिव एड्स रोगी मिले हैं। इन सभी मरीजों का एआरटी सेंटर पर इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पर लोगों को जागरूक करता है। इसके लिए सीएचसी व पीएचसी पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है। इसमें लोगों को बताया जाता है कि एचआइवी संक्रमण किस तरह फैलता है। इसके बचाव और इलाज के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें एड्स रोगियों को बताया जाता है कि एड्स कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। एचआइवी पीड़ित मरीज को नियमित दवा लेनी चाहिए।
वर्ष 2017 में एचआइवी ओपीडी में 8518 मरीज आए थे। इसमें 122 मरीज पॉजीटिव मिले थे। वहीं वर्ष 2016 में ओपीडी में 8893 मरीज आए, तो 111 पॉजीटिव और वर्ष 2019 में एचआइवी की ओपीडी में 9098 मरीज आए थे। इसमें 122 मरीज पॉजीटिव मिले है। स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों को देखे तो लगता है कि एड्स के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो संवेदनशील इलाकों में लोगों के लिए जागरुकता शिविर लगाए जाते हैं। इसके साथ ही मरीजों की जांच भी की जाती है। 25 एचआइवी पीडित महिलाओं की डिलीवरी कराई
आइसीटीसी के काउंसलर परविदंर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने करीब 25 एचआइवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराई गई थी। इसमें किसी भी महिला का बच्चा एचआइवी पॉजीटिव नहीं है। यदि पॉजीटिव गर्भवती महिला का इलाज किया जाए, तो नवजात शिशु स्वस्थ्य होगा। इसके लिए महिला को इलाज के बाद नियमित दवा खाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग हर साल लोगों को एड्स के प्रति जागरुकता अभियान चलाता है। इसके लिए सीएचसी व पीएचसी पर वर्कशॉप भी कराई जाती है। अब लोगों में जागरुकता का असर दिखने लगा है।
- डा. पवन, डिप्टी सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग