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मंडे मार्केट में रेहड़ी-फड़ी वालों से स्वच्छता के नाम पर निगम ने ली 200 रुपये फीस, महंगा होगा सामान

जागरण संवाददाता, अंबाला : नगर निगम सदर जोन ने छावनी गांधी मैदान के मंडे मार्केट में रेहड़ी वालों से स्वच्छता के नाम पर 200 रुपये की फीस लेनी शुरू कर दी है। इसकी रसीद नगर निगम कार्यालय से बाद में मिलेगी। इस फीस के साथ-साथ फड़ी वालों से एक टेबल की एवज में दोगुना किराया टेंट कारोबारी से ले रहे हैं जिस टेबल का रेट सामान्य तौर पर 20 रुपये में था वह नगर निगम सदर जोन ने नागरिक सुविधा केंद्र की एप्लीकेशन के जरिए आन लाइन ली फीस फड़ी ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 01:29 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 01:29 AM (IST)
मंडे मार्केट में रेहड़ी-फड़ी वालों से स्वच्छता के नाम पर निगम ने ली 200 रुपये फीस, महंगा होगा सामान
मंडे मार्केट में रेहड़ी-फड़ी वालों से स्वच्छता के नाम पर निगम ने ली 200 रुपये फीस, महंगा होगा सामान

जागरण संवाददाता, अंबाला : नगर निगम सदर जोन ने छावनी गांधी मैदान के मंडे मार्केट में रेहड़ी वालों से स्वच्छता के नाम पर 200 रुपये की फीस लेनी शुरू कर दी है। इसकी रसीद नगर निगम कार्यालय से बाद में मिलेगी। इस फीस के साथ-साथ फड़ी वालों से एक टेबल की एवज में दोगुना किराया टेंट कारोबारी से ले रहे हैं जिस टेबल का रेट सामान्य तौर पर 20 रुपये में था वह 40 रुपये कर दिया गया है। फीस और किराये से फड़ी विक्रेता की जेब पर 250 रुपये का बोझ पड़ रहा है। फीस वसूली के बाद रेहड़ी-फड़ी वालों का कहना है कि फायदा कम होता जा रहा है, इसलिए अब मजबूरी में सामान के दामों बढोत्तरी करनी पड़ेगी। जिसका असर उनपर और ग्राहकों पर पड़ेगा।

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इस बोझ से मंडे मार्केट में उन फड़ी विक्रेताओं की रोजी-रोटी छीन जाएगी जो जमीन पर थोड़ा बहुत सामान रख कर बेचने का कारोबार करते हैं। बता दें कि नगर निगम की ओर से पहले यह फीस एक हजार तय की गई थी जिसको लेकर मार्केट के दुकानदारों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियां विरोध में उतर आई थी। इसके बाद बैकफुट पर आए निगम प्रशासन ने प्रति फड़ी 200 रुपये तय किए थे। इससे फड़ी विक्रेताओं ने राहत की सांस ली है। फड़ी विक्रेताओं ने कहा कि एक हजार रुपये की फीस से उनका कारोबार बंद हो जाता। अभी भी 250 रुपये फीस और किराये उन्हें ग्राउंड में फड़ी लगाने की एवज में देना पड़ रहा है। इसके अलावा जो कारोबारी सहारनपुर, करनाल, लुधियाना और यमुनानगर से सामान बेचने के लिए आते हैं लेकर आ रहे हैं। उनकी आमदनी पर कम से कम 500 से 700 रुपये कम होगी और मुनाफा भी घट जाएगा। मुनाफा घटने से मंडे मार्केट में सस्ता बिकने वाला सामान अब महंगा हो जाएगा। यहां पर अधिकतर आम जनता सस्ता सामान होने की वजह से ही आती है।

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आन लाइन काटी फीस

निगम की ओर से जितनी भी फीस रेहड़ी-फड़ी मार्केट के दुकानदारों से ली गई है। नागरिक सुविधा केंद्र (सीएफसी) की एप्लीकेशन के जरिए आन लाइन ही ली गई है। फीस अदा होने पर साथ-साथ के मैसेज भी फड़ी विक्रेता की मोबाइल पर भेजा रहा था। इसमें कुछ फड़ी विक्रेता महिलाएं और पुरुष भी थे जिनके पास न तो मोबाइल और न ही वह फोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे फड़ी विक्रेताओं से निगम की ओर से किराया तो लिया गया है लेकिन रसीद नहीं मिल पाई है। गांधी मैदान में 840 फड़ी विक्रेता ने अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दस्तावेज जमा करा रखे हैं।


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