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ढाई माह में 40 लाख के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चौक को लगा ग्रहण

अवतार चहल, अंबाला शहर: देशभर में सबसे पहले बेटियों के नाम पर करीब 40 लाख की लागत से बनाए गए चौक पर ग्रहण लग गया है। इस चौक का उद्घाटन 25 अक्टूबर 2018 को अभिनेत्री अमीषा पटेल ने किया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 02:13 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 02:13 AM (IST)
ढाई माह में 40 लाख के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चौक को लगा ग्रहण
ढाई माह में 40 लाख के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चौक को लगा ग्रहण

अवतार चहल, अंबाला शहर: देशभर में सबसे पहले बेटियों के नाम पर करीब 40 लाख की लागत से बनाए गए चौक पर ग्रहण लग गया है। इस चौक का उद्घाटन 25 अक्टूबर 2018 को अभिनेत्री अमीषा पटेल ने किया था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे को विशेष शब्दों से तैयार किया गया था। महज ढाई माह में चौक बेटी बचाओ नारे के अक्षर टूटने लगे हैं।

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अंबाला-हिसार हाईवे पर शहर के पालीटेक्निक चौक का नाम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी अपनाओ रखा गया था। यह देश का सबसे पहला चौक है। चौक के गोलाकार में एल्यूमीनियम की शीट भी लगाई गई थी, ताकि चौक की चकाचौंध बरकरार रहे। चौक पर एक खुली किताब है, जिसके ऊपर एक बच्ची झूला झूलती नजर आ रही है और बच्ची के पीछे पीले रंग में सूर्य नजर आ रहा है। सबसे ऊपर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी अपनाओ का स्लोगन लिखा है। ढाई माह में ही बेटियों के नारा का शब्द बेटी नहीं रहा।

नहीं बनाई बाउंडरी, चौक हो रहा क्षतिग्रस्त

चौक को एल्यूमीनियम की शीट से कवर किया हुआ है, लेकिन इसकी बाउंडरी नहीं होने के कारण रात को वाहन इसके बिल्कुल साथ से गुजर जाते हैं। इस कारण चौक पर लगी शीट क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऐसे में कई बार क्षतिग्रस्त हो चुकी है, हालांकि उसे बाद में दुरूस्त भी करवाया गया। लेकिन यह समस्या बरकरार है। अंग्रेजी के अक्षरों पर विवाद पड़ा तो किए थे ¨हदी में

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चौक पर पहले अंग्रेजी के शब्दों से नारा तैयार करवा दिया गया था। इसका विवाद हो गया तो रातों-रात अक्षरों को उतरवा दिया गया। अक्षर तो उतार दिए गए थे लेकिन इन अक्षरों के आधार को दोबारा तैयार करना काफी खर्चीला था। इस कारण आधार में बदलाव नहीं किया गया। जो आधार था उस पर ही अंग्रेजी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लिखा था। ¨हदी में तैयार करवाने में मात्राओं के कारण अक्षरों का साइज छोटा करना पड़ गया। इसी कारण नारा में भी अक्षरों की बढ़ोतरी करनी पड़ गई। जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ बेटी अपनाओ लिखना पड़ गया।


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