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जहां काम ज्यादा वहां डॉक्टरों की कमी, जहां काम नहीं वहां सरप्लस

जागरण संवाददाता, करनाल स्टेट पब्लिक हेल्थ लैब में अब वर्कलोड खत्म हो चुका है। रूटीन में नाग

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 01:57 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 01:57 AM (IST)
जहां काम ज्यादा वहां डॉक्टरों की  कमी, जहां काम नहीं वहां सरप्लस
जहां काम ज्यादा वहां डॉक्टरों की कमी, जहां काम नहीं वहां सरप्लस

जागरण संवाददाता, करनाल

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स्टेट पब्लिक हेल्थ लैब में अब वर्कलोड खत्म हो चुका है। रूटीन में नागरिक अस्पताल से होने वाले ब्लड टेस्ट अब यहां के बजाय नागरिक अस्पताल में ही शुरू हो गए हैं। ऐसे में प्रयोगशाला में एक बैक्ट्रोलोजिस्ट, दो पैथालॉजिस्ट, एक माइक्रोबाइलोजिस्ट, एक एमबीबीएस और पांच एलटी का स्टाफ वहीं पर है। इतनी संख्या में इस स्टाफ पर काम न के बराबर है। सरकार की अनदेखी के कारण स्टाफ का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। नागरिक अस्पताल में रोजाना औसतन 350 से अधिक रूटीन में टेस्ट हो रहे हैं। पैथालॉजिस्ट की कमी के कारण दिक्कतें आ रही हैं। एक पैथालॉजिस्ट है, उसको ब्लड बैंक के लिए स्थानांतरित कर दिया है। टेस्टों के लिए आ रही दिक्कतों से मरीजों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। जैसे-तैसे नागरिक अस्पताल प्रबंधन काम चला रहा है। स्टाफ ट्रांसफर हो जाए तो सुधर जाएंगे हालात

लैब से यदि एक पैथालॉजिस्ट और दो लैब टेक्नीशियन भी नागरिक अस्पताल में ट्रांसफर हो जाएं तो स्थिति में सुधार आ सकता है। चूंकि यहां पर ट्रॉमा सेंटर शुरू हो चुका है। इमरजेंसी में लैब की सेवाएं देनी जरूरी है। स्टाफ की कमी के कारण प्रबंधन को भी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे सदुपयोग किया जा सकता है स्टाफ का

स्टेट लैब में एक एमबीबीएस डॉक्टर भी है। वह नागरिक अस्पताल में ओपीडी कर सकता है। लैब के आइआरएल कंपोनेंट में टीबी के मरीजों की जांच होती है। इसलिए यहां पर माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत है। अन्य सैंपल यहां पर नहीं आते हैं। ऐसे में बाकी के दो पैथालॉजिस्ट को ना के बराबर काम है। इनको नागरिक अस्पताल में भेजकर व्यवस्था को सुधारा जा सकता है। ठीक इसी प्रकार लैब टेक्निशियन भी ज्यादातर खाली रहते हैं। स्टेट लैब को केसीजीएमसी में शि¨फ्टग करने की तैयारी

स्टेट लैब के लिए कई बार प्रपोजल बने, लेकिन दूसरी फाइलों के नीचे यह प्रपोजल दब गए। पहले इस लैब को सेक्टर-16 के पॉलीक्नीनिक में शिफ्ट किया जाना था, लेकिन बिल्डिंग तैयार नहीं थी। इससे इस प्रपोजल को खारिज कर दिया गया। उसके बाद लैब को पंचकूला में शिफ्ट करने की प्ला¨नग हुई, लेकिन नियम आड़े आए कि इसे शिफ्ट नहीं किया जा सकता। इस समय जिस जगह पर यह लैब बनी है वह कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज की है। ऐसे में एक प्रपोजल यह भी बना है कि इसे केसीजीएमसी में ही शिफ्ट कर दिया जाए। वर्जन

स्टेट बैक्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. अश्विनी कुमार के मुताबिक लैब को लेकर उच्चाधिकारियों ने प्रपोजल बनाए हैं। इस पर क्या फैसला लेना है वह मुख्यालय ही तय करेगा। फिलहाल हमारे पास जो स्टाफ है उनसे वही काम लिया जा रहा है जितना हमारे पास है। स्टाफ ट्रांसफर करना या नहीं करना यह सरकार के स्तर की बात है। वर्जन

पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा के मुताबिक हमारे पास पैथॉलॉजिस्ट की कमी है। एक भी पैथॉलॉजिस्ट हमारे पास आ जाए तो हमारा काम आसान हो जाएगा। ब्लड बैंक की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक को हमने मूव करना पड़ा है। हम सीमित स्टाफ से काम चला रहे हैं।


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