जीआरपी ने इंफोर्समेंट विग की मदद से जब्त की 12 लाख की 20 किलो 900 ग्राम चांदी
हरिद्रपाल सिंह अंबाला हरिद्वार-बाड़मेर एक्सप्रेस में हो रही चांदी की तस्करी का राजकीय र
हरिद्रपाल सिंह, अंबाला : हरिद्वार-बाड़मेर एक्सप्रेस में हो रही चांदी की तस्करी का राजकीय रेलवे पुलिस जीआपी ने भंडाफोड़ किया है। दो बैग से जीआरपी ने लगभग 20 किलो 900 ग्राम चांदी के आभूषण बरामद किए हैं। जब्त किए गए चांदी के आभूषणों की कीमत लगभग 10 से 12 लाख रुपये आंकी गई है। चांदी लेकर जा रहे व्यक्ति की पहचान गांव रतनगढ़ जिला चुरु राजस्थान निवासी गोरी शंकर के रुप में हुई है जोकि श्रीबाला जी ज्युलरी श्रीडुंगरपुर में काम करता है। प्राथमिक पूछताछ में युवक ने बताया कि वह चांदी का सामान लेकर चंडीगढ़ में एक व्यापारी के पास जा रहा था। हालांकि उसने इस दौरान एक चालान की कापी भी मोबाइल पर दिखाई, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जब उससे बिल और दूसरे दस्तावेज मांगे तो वह जानकारी नहीं दे पाया। वहीं जीआरपी ने जब्त की गई चांदी पर कार्रवाई के लिए इंफोर्समेंट विग की मदद ली है जोकि जीएसटी से जुड़े चोरी के मामलों की जांच के लिए गठित की गई है। चांदी के दोनों बैग को जांच टीम के सुपुर्द कर दिया गया है जोकि सील लगाने के बाद जीआरपी के मालखाने में ही जमा कर दिए गए हैं। वहीं चांदी लेकर ट्रेन में सफर करने वाले व्यक्ति को एक सप्ताह के अंदर जरूरी दस्तावेज व बिल लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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ऐसे आया पकड़ में
जीआरपी प्रभारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि संदिग्धों व शरारती तत्वों की धरपकड़ के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है। इसकी कमान सब इंस्पेक्टर राजकुमार को सौंपी गई है। टीम रोजाना की तरह वीरवार सुबह लगभग 11.30 बजे स्टेशन परिसर में चेकिग कर रही थी। इस दौरान एक व्यक्ति दो भारी-भरकम बैग के साथ एस्कलेटर से उतरते हुए नजर आया। शक के आधार पर जब उसकी पूछताछ की गई और उसके दोनों बैग की जांच की गई तो इसमें चांदी के आभूषण भरे हुए थे। लेकिन व्यक्ति के पास आभूषणों से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं था। उसने बताया कि वह हरिद्वार-बाड़मेर एक्सप्रेस में सामान लेकर आया था।
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बिल दिखाया तो 6, अन्यथा 100 प्रतिशत जुर्माना
मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पकड़े गए सामान की कीमत लगभग 10 से 12 लाख के बीच है। हालांकि यह जांच का विषय है कि चांदी असली है या मिलावट वाली है। दुकानदार के कर्मचारी को एक सप्ताह में बिल व जरूरी दस्तावेज जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर वह बिल व दस्तावेज दिखाता है तो जुर्माना 6 प्रतिशत के हिसाब से वसूल किया जाएगा। अन्यथा पूरे सामान पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सब गठित कमेटी के निर्णय और जांच पर निर्भर है।