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सरकार 10 हजार की आबादी की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार, मुख्यमंत्री के आदेशों से सर्वे शुरू

- तोपखाना परेड़, टूंडला, हिम्मतपुरा और गुलाबमंडी के लोगों को राहत, छावनी के तोपखाना परेड, टूंडला, हिम्मतपुरा और गुलाब मंडी में 10 हजार की आबादी को जगी आस

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:59 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 01:59 AM (IST)
सरकार 10 हजार की आबादी की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार, मुख्यमंत्री के आदेशों से सर्वे शुरू
सरकार 10 हजार की आबादी की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार, मुख्यमंत्री के आदेशों से सर्वे शुरू

सुनील बराड़, अंबाला

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छावनी के तोपखाना परेड, टूंडला, हिम्मतपुरा, गुलाब मंडी और दूधला मंडी में रहने वाली करीब 10 हजार की आबादी को प्रदेश सरकार ने अपना बा¨शदा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेशों पर पांचों एरिया का सर्वे शुरू कर दिया है और सोमवार शाम तक हर हाल में सर्वे पूरा भी करना है। मंगलवार को डीसी शरनदीप कौर बराड़ के समक्ष रिपोर्ट को पेश की जाएगी। इससे उक्त एरिया के लोगों को हरियाणा सरकार का स्थाई निवासी होने की आस जगी है और अपना वोट का अधिकार भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

उक्त एरिया के लोगों को यहां पर उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद, सहानरपुर समेत अन्य जगहों से लाकर सब्जी, फल और खेती के उद्देश्य से ब्रिटिश राज में 1857 के अंदर बसाया गया था। ब्रिटिश सरकार ने उक्त एरिया की जमीन को गांव टूंडला, बाड़ा, बोह, बब्याल समेत अन्य गांव की जमीन को 9166 आना (एक रुपये में 16 आना होते हैं) किराये पर ली थी। साल 1947 में अंबाला के तत्कालीन डीसी बीएस ग्रेवाल को यह जानकारी तत्कालीन सब एरिया अंबाला छावनी के कमांडर बिग्रेडियर डब्ल्यूडी एडवर्ड ने दी थी जिसके दस्तावेज आज भी उक्त लोगों के पास मौजूद हैं। धीरे-धीरे इस जमीन पर रहने वाली आबादी काफी बढ़ गई है और अंग्रेजों के जाने के बाद यहां रहने वाली आम जनता की मुसीबत बढ़ती चली गई। यहां की जनता एक ईंट तक यहां नहीं लगा सकती। यहां की जनता एक शौचालय तक का निर्माण नहीं कर सकती। यदि कोई करने की कोशिश करता है तो अंग्रेजों का काले कानून की पालना करते हुए कैंटोनमेंट बोर्ड उसे गिरा देता है। यहां एक परिवार एक ही कमरे में जीवन जी रहा है। सरकार करेगी ए और बी क्लास भूमि का अधिग्रहण

सेना क्षेत्र की सर्वे नंबर 65 क्लास ए और 417 क्लास बी दोनों को प्रदेश सरकार अधिग्रहण करेगी। गांव टूंडला और बाड़ा की जमीन अब सेना की ए क्लास जमीन 198 एकड़ है और 04.98 एकड़ बी क्लास श्रेणी की जमीनें हैं। वर्तमान कलेक्टर रेट के मुताबिक ए क्लास जमीन की कीमत 67 करोड़ 54 लाख 80 हजार और बी क्लास जमीन की कीमत 21 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये हैं। ए क्लास जमीन सरकार को हस्तांतरित की जा सकती है जबकि बी नहीं हो सकती। इसीलिए सरकार को बी क्लास की जमीन और इमारतों का मुआवजा रक्षा मंत्रालय को देना होगा। सर्वे कमेटी में ये हैं शामिल

सर्वे कमेटी में नायब तहसीलदार को अध्यक्ष, एमई हरीश कुमार, फील्ड कानूनगो राजीव वालिया और लिपिक दीपक राणा को इसका सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी उक्त कॉलोनियों का सर्वे करेगी। यह कमेटी नए सिरे से भूमि का कलेक्टर रेट के हिसाब से गणना, नक्शा, बांशिदों की सूची और पूरी जमीन की गणना करेगी। सर्वे टीम को कैंटोनमेंट बोर्ड जरूरी दस्तावेज दे चुका है जिसके आधार टीम एरिया में जाकर सर्वे करेगी। छीना जा चुका है वोट का अधिकार

उक्त एरिया में रहने वाले 5 हजार 114 वोटर का कैंटोनमेंट वोट डालने का अधिकार एक साल पहले छीन चुका है। बोर्ड अधिकारियों ने हवाला दिया है कि 27 सितंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर यह कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने बीते साल अपने वार्ड नंबर एक के 2926, वार्ड 3 से 206 और वार्ड नंबर 7 से 1982 लोगों का नाम अपनी वोटर सूची से काट दिया था जबकि यहां के लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरसों से बनते आएं हैं। यह है स्थिति

वार्ड नंबर एक के सर्वे नंबर 65 में तोपखाना परेड आता है जिसमें 1500 परिवार 700 मकानों में रहते हैं और करीब 10 हजार की आबादी है। इसके अलावा 303 लीज के प्लाट है जिनका किराया रक्षा संपदा अधिकारी द्वारा हर साल लिया जाता है। सर्वे नंबर 65 में वार्ड 3 के रिसाला बाजार, वार्ड 7 के हिम्मतपुरा, दुधला, गुलाब मंडी में कच्चे-पक्के 550 मकान बने हुए हैं।


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