गो¨वदा आला रे की धुन के साथ फोड़ी मटकी
जागरण संवाददाता, अंबाला : गो¨वदा आला रे आला, जरा मटकी संभाल ब्रजबाला.. रंग-बिरंगे गुलाल अ
जागरण संवाददाता, अंबाला : गो¨वदा आला रे आला, जरा मटकी संभाल ब्रजबाला.. रंग-बिरंगे गुलाल और गो¨वदा आजा रे की गूंज। मौका था गणपति विसर्जन का। मस्ती भरे कुछ ऐसे ही भक्तिमय माहौल के साथ दयालबाग में गणपति बप्पा के भक्तों ने इस गीत के साथ दयालबाग में बृहस्पतिवार शाम गणपति भक्तों ने कान्हा की मटकी फोड़कर गणपति जी को भावभीनी विदाई दी। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में भक्त बप्पा को वाहन में विराजित कर यमुनानगर स्थित यमुना नदी ले जाकर शाम करीब छह बजे उन्हें विसर्जित कर दिया।
दयालबाग और वशिष्ठ नगर में गणपति मित्र मंडली की ओर से हर साल गणपति महोत्सव मनाया जाता है। इस बार नौ सितंबर को पांडाल में गणपति जी को विराजमान किया गया था। इसके बाद से लेकर आज तक भजन संध्या व पूजा अर्चना होती थी। बृहस्पतिवार को दोपहर करीब एक बजे गणपति विसर्जन की तैयारियां की गई। युवा मंडली ने दयाल बाग में करीब 20 फुट की ऊंचाई पर मटकी टांगी। इसके बाद गणपति बप्पा मोरया, गणपति जी गणेश को मनाओ, विघ्न हरण मंगल करण, एकदंत दयावंत इस प्रकार के भक्तिमय गीत भजनों के साथ युवा मित्र मंडली ने पिरामिड आकार बनाकर ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मटकी को फोड़ दिया। मटकी फुटते ही मटकी से मक्खन व ड्राइफ्रुट नीचे पड़े भक्तों पर गिरे और भक्तों ने उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। करीब ढाई घंटे के बाद सफलता मिली। पूरे कार्यक्रम की खास बात यह रही की भक्ति के साथ-साथ देशभक्ति भी देखने को मिली और मटकी फोड़ने के कार्यक्रम के साथ तिरंगा भी लहराता दिखा।
पहली बार में फुट गई मटकी
इस बार के मटकी फोड़ने के कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इस बार पहली ही बार में मटकी फुट गई। इससे पहले तीन बार गणपति मित्र मंडली की ओर से यह कार्यक्रम हो चुका है लेकिन आज तक तीसरे प्रयास से पहले कभी मटकी नहीं फूटी। वशिष्ठ नगर के हिमांशु ने मटकी फोड़ी। मटकी फोड़ने पर 1100 रुपये युवा मंडली को गणपति मित्र मंडली, 1100 रुपये महिला शिखा व 500 रुपये एक अन्य व्यक्ति ने दिए। मटकी फोड़ने के बाद गुलाल व अबीर उड़ाते हुए भक्तों की टोलियां गणपति जी की मूर्ति व डीजे के साथ भक्तगण वाहनों में लदकर गीत व जयकारे गाते हुए यमुनानगर में स्थित यमुना नदी पहुंचे।