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दूधला मंडी में सामुदायिक केंद्र न होने से जनता में रोष

दूधला गुलाब मंडी की जनता सामाजिक कार्य करने के लिए भी तरस रही हैं। यहां की जनता को इधर-उधर ही अपने छोटे-मोटे कार्यक्रम करने पड़ते हैं। इसीलिए लोगों को बढ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। जनता का कहना है कि इस मांग कई बार कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन अधिकारियों ने उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 07:29 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 07:29 AM (IST)
दूधला मंडी में सामुदायिक केंद्र न होने से जनता में रोष
दूधला मंडी में सामुदायिक केंद्र न होने से जनता में रोष

जागरण संवाददाता, अंबाला : दूधला गुलाब मंडी की जनता सामाजिक कार्य करने के लिए भी तरस रही हैं। यहां की जनता को इधर-उधर ही अपने छोटे-मोटे कार्यक्रम करने पड़ते हैं। इसीलिए लोगों को बढ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। जनता का कहना है कि इस मांग कई बार कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन अधिकारियों ने उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं की है।

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मंडी निवासी सोहन लाल, गिरधारी लाल, सचिन समेत अन्य ने बताया कि उनके यहां पर गंदगी से लोगों को रहना मुश्किल है और कोई ऐसी जगह नहीं है जहां वह अपना कार्यक्रम या कोई बैठक कर सके। उन्होंने बताया कि अब तो गांव में भी चौपाल और सामुदायिक केंद्र सरकार बना कर दे रही है और गुलाब मंडी के लोगों ने पता नहीं कौन सा गुनाह कर दिया है कि यहां पर 1995 के बाद आज तक कोई विकास नहीं हुआ। यहां की करीब चार हजार की आबादी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही है। इसीलिए यदि बोर्ड कोई सामूहिक कार्यक्रम के लिए केंद्र बना कर दें। बोर्ड ने तोपखाना समेत कुछ एरिया में अपने सामुदायिक केंद्र बना रखे हैं। केंद्र बनने से जनता को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि दूधला मंडी में एक जगह खाली पड़ी है जिस पर यह केंद्र बन सकता है।


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