अंबाला में बंद होगा अंग्रेजों के समय का सवा दो सौ साल पुराना मॉल रोड
कटारिया ने माल रोड खुलवाकर लूटी थी वाहवाही अब सुरक्षा कारणों को हवाला दे सेना करेगी बंद बोर्ड मीटिग में हुई वोटिग 15 सदस्यों ने लिया हिस्सा 8 पक्ष तो 6 वोट विपक्ष में एक वोट न्यूट्रल
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी की बंद मॉल रोड को खुलवाकर अंबाला के सांसद रत्न लाल कटारिया ने वाहवाही लूटी थी लेकिन अब इसे सेना फिर से बंद करेगी। कैंटोनमेंट बोर्ड की स्पेशल हाउस की बैठक में मॉल रोड बंद करने का प्रस्ताव बहुमत के साथ पास हो गया है। वोटिग में सेना प्रस्ताव के पक्ष में 8 तो विपक्ष में 6 वोट पड़े। इससे मॉल रोड से जुड़े सिविलियंस को करारा झटका लगा है। वहीं, बहुमत के बावजूद बोर्ड में भाजपा पार्षद प्रस्ताव नहीं गिरा पाए। यह बैठक साढ़े 11 बजे शुरू हुई।
सीईओ अनुज गोयल ने माल रोड बंद करने पर सेना के प्रस्ताव की जानकारी दी और गठित पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट भी पेश की। उन्होंने बताया कि 8 अगस्त को मीटिग में 89 सिविलियंस ने उपस्थिति दर्ज कराई थी जिसमें से 21 लोगों ने माल रोड बंद करने की बात कही।
रिपोर्ट पर गरमा-गरमी
सेना खुद प्रस्ताव लाकर खुद करती है सुनवाई: बवेजा
रिपोर्ट सुनते ही बोर्ड के उपाध्यक्ष अजय बवेजा बोले कि सेना खुद प्रस्ताव लाकर उसकी सुनवाई भी खुद करती है, यह तो गलत है। हमारे सुझाव और मीटिग में उठाने पर बात को अनसुना किया गया। पुलवामा हमला के चलते माल रोड बंद किया तो हमने कोई विरोध नहीं जताया, लेकिन इसको हमेशा बंद रखना गलत है।
सिर्फ 21 नहीं सभी ने किया था विरोध: आसीमा
कमेटी सदस्य आसीमा ने कहा कि मीटिग में 89 से ज्यादा लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और सिर्फ 21 नहीं बल्कि सभी ने रोड बंद का विरोध किया था। रिपोर्ट में कोई उल्लेख नहीं है। इससे सेना की मंशा गलत जाहिर होती है। हम सुविधा का ख्याल रखेंगे, कुछ नहीं बदलेगा
बोर्ड अध्यक्ष एवं डिप्टी जीओसी बिग्रेडियर जीएस सिद्धू ने कहा कि मॉल रोड पर टू कोर हेडक्वार्टर के सामने महज 300 मीटर का हिस्सा बंद होगा। आपात स्थिति में एंबुलेंस और फायर गाड़ियों को जाने की छूट दी जाएगी। सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा और सुबह-शाम सैर करना जारी रहेगा। हम सेना की 130 बसों को मॉल रोड से जाने की छूट नहीं देते तो सिविलियंस को हमारा सहयोग करना चाहिए। हेड क्वार्टर की सुरक्षा आप से ज्यादा हम जानते हैं। हमारे लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील हमारा कम्युनिकेशन सिस्टम है। इसीलिए कुछ चीजें सुरक्षा के लिए बंद होती हैं। अपनी सर्विस में पहली बार देखा ऐसा हेडक्वार्टर
टू कोर हेडक्वार्टर से कर्नल विभोर पंत ने कहा वह देश के अलग-अलग कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में नौकरी कर चुके हैं। कहीं भी हेड क्वार्टर के पास से सिविलियंस का आना-जाना और इस तरह से आम रास्ता नहीं है। यहां तो यह सेना के खतरा बन सकता है। इस पर बोर्ड उपाध्यक्ष अजय बवेजा ने कहा कि सेना बंद करना चाहती है तो वह करे। हमारा विरोध जारी है, हम हाईकोर्ट भी जाएंगे और रक्षा मंत्रालय भी। बिग्रेडियर ने बवेजा को जवाब दिया कि यह आपका अधिकार है। किसी रेजिेंडेट को कोई दिक्कत नहीं है। बवेजा ने कहा जो बंगलों में रहते हैं वह अपनी कमियों की वजह से आर्मी के खिलाफ नहीं बोल पाते।