मित्रता में बाधा नहीं बनती दरिद्रता : खंडूरी
कथावाचक मोहित खंडूरी व गणेश चंद्र खंडूरी ने कहा कि दो लोगों की मित्रता के बीच कभी भी दरिद्रता नहीं आती।
जागरण संवाददाता, अंबाला : कथावाचक मोहित खंडूरी व गणेश चंद्र खंडूरी ने कहा कि दो लोगों की मित्रता के बीच कभी भी दरिद्रता नहीं आती। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सुदामा और कृष्ण की मित्रता है।वे बुधवार को अंबाला छावनी की सब्जी मंडी के नजदीक स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सुदामा के घर दरिद्रता थी और उनकी पत्नी सुशीला के पास मात्र एक ही वस्त्र था। सुशीला को कोई दिनों तक भूख भी रहना पड़ता था फिर भी शांत रहती थी।सुशीला के आग्रह पर ही सुदामा द्वारिकाधीश कृष्ण से मिलने के लिए पहुंचे। जब वे कृष्ण के पास पहुंचे, तो उन्होंने अपनी गरीबी के बारे में कुछ नहीं बताया, जबकि कृष्ण ने उनका स्वागत किया। भगवान सब जान गाए और जैसा वैभव उनका था, वैसा ही सुदामा को भी दिया। कथावाचक मोहित व गणेश चंद्र ने कहा कि भारत का संत कभी कुछ मांगता नहीं है। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।