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फॉस्टेक : दुकानदारों की बेरुखी, ट्रेनिग लेने तक को भी तैयार नहीं

खाद्य सुरक्षा के लिए फूड एंड ड्रग एडिमिनस्ट्रेशन हरियाणा द्वारा एफएसएसआइ के तत्वावधान में शुरू की गई फॉस्टेक ट्रेनिग की मुहिम में दुकानदारों की बेरुखी देखने को मिली रही है। हालात ये हैं कि दुकानदार यह ट्रेनिग लेने के लिए तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 07:00 AM (IST)
फॉस्टेक : दुकानदारों की बेरुखी, ट्रेनिग लेने तक को भी तैयार नहीं

जागरण संवाददाता, अंबाला : खाद्य सुरक्षा के लिए फूड एंड ड्रग एडिमिनस्ट्रेशन हरियाणा द्वारा एफएसएसआइ के तत्वावधान में शुरू की गई फॉस्टेक ट्रेनिग की मुहिम में दुकानदारों की बेरुखी देखने को मिली रही है। हालात ये हैं कि दुकानदार यह ट्रेनिग लेने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि कुछ जगह से रिस्पांस मिल रहा है, लेकिन अंबाला कैंट की बात करें, तो यहां पर अनाज मंडी में हुए कार्यक्रम में दुकानदार इसको लेकर भड़क गए। इन दुकानदारों ने यह ट्रेनिग लेने से जहां साफ इनकार कर दिया और चले गए, वहीं इसे सरकार द्वारा थोपी जा रही ट्रेनिग तक करार दिया है। ऐसे में सरकार के इस अभियान को दुकानदारों की बेरुखी का सामना भी करना पड़ रहा है। टीम की मानें, तो यह कई मायनों में जरूरी है, ताकि खाद्य पदार्थो का ठीक से स्टोर तो किया जाए और इसे बनाने में भी सावधानियां बरती जाएं। लेकिन स्थिति ऐसी है कि दुकानदार इससे दूर भाग रहे हैं।

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यह है ट्रेनिग

फॉस्टेक (फूड सेफ्टी ट्रेनिग एंड सर्टिफिकेशन) ट्रेनिग के लिए एफएसएसएआइ द्वारा ट्रेनिग प्रोग्राम चलाया गया है। इसके तहत फूड बिजनेस से जुड़े, चाहे वे किराना कारोबारी ही क्यों न हों, उनको यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है। जो भी दुकानदार अथवा कारोबारी इस ट्रेनिग को लेते हैं, उनको छह सौ रुपये फीस व जीएसटी अदा करनी होगी। इसके बाद इनको सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा। यह कारोबारी बाद में ऑनलाइन लाइसेंस के लिए अप्लाई करेंगे, जिसकी फीस उनके टर्नओवर के आधार पर तय की जाती है। इसके बाद ही यह सभी दुकानदार व कारोबारी तय समय अवधि के लिए लाइसेंस दिया जाएगा, जिसके आधार पर वे कारोबार कर सकते हैं।

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सरकार द्वारा की जाएगी कार्रवाई

मौजूदा समय में फॉस्टेक ट्रेनिग सेशन चलाए जा रहे हैं। इसमें बताया जा रहा है कि कारोबारी किस तरह से अपने खाद्य पदार्थो को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा खाद्य पदार्थ बनाकर बेचने वालों को भी यह ट्रेनिग लेनी होगी, जबकि गुरुद्वारों व मंदिरों में लंगर बनाने वालों के लिए भी यह जरूरी की गई है। यदि बिना लाइसेंस के यह कारोबार करते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बारह गोल्डन रूल भी बनाए गए हैं।

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कई जगहों से रिस्पांस मिल रहा है, जबकि कुछ जगहों पर दुकानदारों की बेरुखी देखने को मिलती है। यह दुकानदारों के फायदे की ही बात है। बाद में सरकार इन मामलों में कार्रवाई भी करेगी।

- पूनम गुप्ता, एफएसएसएआइ ट्रेनर


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