Move to Jagran APP

खाली दावों से नहीं, दृढ़ इच्छाशक्ति से वानिकी को मिलेगा बढ़ावा

बेशक सरकार व वन विभाग द्वारा हर साल लाखों पौधे लगाने का दावा किया जा रहा हो परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दृढ़ इछाशक्ति का नहीं होना भी जिला की वानिकी को बढ़ावा देने में अड़ंगा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 10:10 AM (IST)
खाली दावों से नहीं, दृढ़ इच्छाशक्ति से वानिकी को मिलेगा बढ़ावा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : बेशक सरकार व वन विभाग द्वारा हर साल लाखों पौधे लगाने का दावा किया जा रहा हो, परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दृढ़ इच्छाशक्ति का नहीं होना भी जिला की वानिकी को बढ़ावा देने में अड़ंगा है। इसी कारण वन संपदा भी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में खाली दावों से नहीं बल्कि एकजुटता से कार्य करना होगा। ऐसे में हर व्यक्ति को अपने घर के सामने एक-एक पौधा लगाना होगा तथा दूसरों को जागरूक भी। इससे वानिकी को बढ़ावा मिलेगा।

loksabha election banner

--------

ये पौधे वॉटर लेवल बरकरार रखने में सहायक

इस साल भी वन विभाग छह लाख पौधे लगाएगा जिसमें हर प्रजाति के पौधे शामिल होंगे। पर्यावरणविद् के अनुसार जामुन, नीम, बरगद, पीपल, बेल पत्थर और आम के अधिक पौधे लगाने चाहिए। ये पौधे वॉटर लेवल को बरकरार रखने में बहुत अधिक सहायक होते हैं। क्योंकि इन पेड़ों की जड़ें नीचे तक फैली होती हैं जो वॉटर लेवल रिचार्ज करते रहते हैं।

--------

इन प्रजातियों के तैयार किए जा रहे पौधे

वन विभाग नसीरपुर, रामपुर, जनसुई, मोहड़ा, बड़ागढ़, मानकपुर, छोटी बस्सी, कोहड़ा बुढ़ा, धीन, साहा व अधोया नर्सरियों में नीम, बरगद, पीपल, पिलखन, कट सागवान, पपरी, कुसुम, चौकरसिया, मोलसिरी, बाकेन, बहेरा, शीशम, सफेदा, पोपुलर, रोहेरा, तून, टीक, सिबल, अर्जुन, खैर, कीकर, डैंक, जंगल जलेबी, खैरी, फ्रांश, गुलमोर, सिल्वर ओक, आम, जामुन, अमरूद, अनार, ईमली, पपीता आदि प्रजातियों के पौधे तैयार कर रहा है।

-------

लगाने से ज्यादा देखभाल जरूरी : देसवाल

पर्यावरणविद् एवं ग्रीन मैन के नाम से जाने वाले डॉ. सुरेश देसवाल ने कहा कि पौधरोपण से ज्यादा उनकी देखभाल की जरूरत है। आंकड़ा बढ़ाने के लिए दावे तो होते हैं, मगर देखभाल कम होती है। देखभाल के अभाव में पौधे मुरझा जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में जिस मकसद से पौधे लगाए गए वह पूरा नहीं हो पाता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.