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सौ करोड़ की पेमेंट न होने पर किसानों ने किया मिल का कांटा बंद

संवाद सहयोगी, शहजादपुर : बनोंदी चीनी मिल शुगर मिल के बाहर दिनभर गहमागहमी होती रही। प्रशासन की ओर से एसडीएम और डीएसपी किसानों को मनाने के लिए तीन-चार बार प्रयत्न करने में लगे रहे, लेकिन किसान राज्यमंत्री नायब सैनी समेत मिल मालिक को बुलाने पर अड़े

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 02:01 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 02:01 AM (IST)
सौ करोड़ की पेमेंट न होने पर किसानों ने किया मिल का कांटा बंद
सौ करोड़ की पेमेंट न होने पर किसानों ने किया मिल का कांटा बंद

संवाद सहयोगी, शहजादपुर : बनोंदी चीनी मिल शुगर मिल के बाहर दिनभर गहमागहमी होती रही। प्रशासन की ओर से एसडीएम और डीएसपी किसानों को मनाने के लिए तीन-चार बार प्रयत्न करने में लगे रहे, लेकिन किसान राज्यमंत्री नायब सैनी समेत मिल मालिक को बुलाने पर अड़े रहे। एसडीएम ने किसानों को 4 जनवरी को मी¨टग के बाद हल निकालने का आश्वासन भी दिया। लेकिन किसानों का तर्क था कि ऐसे आश्वासन उन्हें साल भर से दिए जा रहे हैं। इस बार आश्वासन नहीं बकाया पेमेंट चाहिए। राज्यमंत्री और मिल मालिक के न पहुंचने पर किसानों की महापंचायत ने कांटा बंद कर दिया और गन्ना मिल में जाने से रोक दिया। इसके बाद किसान कांटे के पास टेंट गाड़कर बैठ गए। हालांकि किसानों ने कहा कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे कानून टूटता हो।

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शहजादपुर के बनोंदी स्थित चीनी शुगर मिल को किसानों के गन्ने की पिछले पेराई सत्र की बकाया करीब 100 करोड़ रुपये राशि देनी है, इसे लेकर किसान सालभर से धरने तक दे चुके हैं, इसके लिए प्रशासन की ओर से भी उन्हें कई बार आश्वासन मिले हैं, लेकिन पेमेंट किसानों की किस्तों में मिलती है। इससे परेशान होकर किसानों ने भारतीय किसान यूनियन(चढूनी) के बैनर तले मिल गेट पर बुधवार को पूर्व निर्धारित महापंचायत बुलाई गई। किसानों ने कहा जब तक सरकार किसानों की समस्या का हल नहीं करती तब तक मिल नहीं चलने दिया जाएगा।

यूनियन ने दिसंबर में 2 जनवरी को किसान महापंचायत का ऐलान कर दिया था। इसी मुताबिक किसान सुबह ही मिल पर पहुंच गए। जहां उन्होंने मिल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर पहुंचे भाकियू(चढूनी ग्रुप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम ¨सह चढूनी भी पहुंच गए। यूनियन ने कहा कि यदि शुगर मिल या सरकार का कोई नुमांइदा बातचीत के लिए आना चाहता है तो वह 15 मिनट में अपनी बात रखे, नहीं तो उसके बाद किसानों की ओर से महापंचायत शुरू कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।

करीब पंद्रह मिनट गुजर जाने के बाद भी चीनी मिल या सरकार की तरफ से कोई भी नुमाइंदा नहीं आया। महापंचायत शुरू हुई थी कि एसडीएम नारायणगढ अदिति, डीएसपी नारायणगढ़ अमित भाटिया व मिल प्रबंधन के अधिकारी महापंचायत में पहुंचे। एसडीएम ने किसानों से कहा कि मिल मालिक रात तक आ जाएंगे और पुरानी पेमेंट जल्द की जाएगी। केन मैनेजर शुगर मिल जयपाल ने कहा कि सरकार के पुराने पैसे की 30 प्रतिशत राशि जमा करवा दी है। केन कमिशनर ने कहा कि सरकार 11 करोड़ रुपये शुगर मिल को देगी। एसडीएम दूसरी बार पहुंची और कहा कि उनकी राज्यमंत्री नायब ¨सह सैणी और मिल मालिक से बात हो गई है और 4 जनवरी को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में होगी। जबकि यूनियन का कहना था कि यह मी¨टग तो पहले होनी चाहिए थी। राज्यमंत्री नायब सैनी से भी मिले थे उन्होंने डीसी से बात करके पेमेंट दो जनवरी से पहले का आश्वासन दिया था। महापंचायत ने निर्णय लिया जब तक बकाया पेमेंट पर मी¨टग नहीं होगी। तब तक मिल नहीं चलने देंगें।

किसान सहमत नहीं हुए तो एडीसी शक्ति ¨सह ने मौके पर पहुंच किसानों को आश्वासन दिया। लेकिन बात नहीं बनी। प्रशासनिक अधिकारी देर शाम तक मिल में डटे रहे।

इस दौरान भाकियू(चढूनी ग्रुप) जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुमार, जिला उपाध्यक्ष गुलाब ¨सह, जिला प्रधान यमुनानगर संजू बदाना सहित किसान मौजूद थे। किसानों की किसान महापंचायत को पूर्व सूचना आयुक्त अशोक मेहता, धर्मवीर ¨सह ढींडसा, रमेश राणा प्रदेश सलाहकार किसान संघर्ष समिति, रामपाल चहल प्रदेश अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति, लाभ ¨सह भूखडी, अमरीक ¨सह, हरबिलास, हरिजन नंगोली, बरयाम ¨सह, नरपत राणा, जयबीर राणा, रविन्द्र बरौली समर्थन देने पहुंचे।

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आज तीन बजे होने वाली मी¨टग तक बंद रहेगा कांटा : चढूनी

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम ¨सह चढूनी ने कहा कि बात होने तक मिल को बंद करने का फैसला लिया है। इसमें केन कमिश्नर, मिल मालिक, डिप्टी कमिश्नर, मंत्री, कमेटी भी आएगी। प्रशासन ने बृहस्पतिवार तीन बजे तक का समय दिया है, तीन बजे तक कंडा जाम रहेगा। करीब 100 करोड़ रुपये किसानों का बकाया है। मिल या प्रशासन से कोई आश्वासन नहीं मिला। 25-25 हजार कर्ज होने पर किसानों को केस दर्ज कर जेल दिया जाता है लेकिन मिल मालिक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। मिल को एक करोड़ प्रति माह ब्याज का बच रहा है। ब्याज के चक्कर में किसानों का पैसा नहीं दिया जा रहा है।

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सब्सिडी के कारण नहीं हुई पेमेंट : एसडीएम

एसडीएम अदिति ने बताया कि किसान यूनियन नेताओं के साथ मी¨टग हुई है, पेमेंट को लेकर बृहस्पतिवार बात होगी। पहले सीनियर वाइस प्रेजीडेंट ने कहा था 31 तक पेमेंट होगी। लेकिन सरकार से 19 करोड़ की सब्सिडी नहीं आई। इस कारण पेमेंट नहीं हो पाई थी।

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