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दुकान-मकान में दिखा दी फैक्ट्रियां, जांच में पुलिस नाकाम

अंबाला छावनी और शहर में कागजों में ही फैक्ट्रियां खोलकर जालसाजों ने सरकार से करोड़ों रुपयों का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया। आबकारी एवं कराधान विभाग (डीईटीसी) ने 19 फर्जी फर्मो की जानकारी पुलिस को दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 07:17 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 07:17 AM (IST)
दुकान-मकान में दिखा दी फैक्ट्रियां, जांच में पुलिस नाकाम
दुकान-मकान में दिखा दी फैक्ट्रियां, जांच में पुलिस नाकाम

दीपक बहल, अंबाला

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अंबाला छावनी और शहर में कागजों में ही फैक्ट्रियां खोलकर जालसाजों ने सरकार से करोड़ों रुपयों का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया। आबकारी एवं कराधान विभाग (डीईटीसी) ने 19 फर्जी फर्मो की जानकारी पुलिस को दी। इस संबंध में मामला तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन कानून के हाथ अब तक मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सके हैं। अब तक पुलिस की जांच में वे ही लोग पकड़ में आए हैं जो इस चंद रुपयों की लालच में मोहरा बन गए।

जिन पतों पर जीएसटी नंबर लिए गए वहां जाकर दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो पता चला कि यहां पर रह रहे लोग या दुकानदारों को जानकारी ही नहीं कि उनके इस पते पर किसी ने फर्जी फर्म खोलकर सरकार को करोड़ों का कारोबार दिखाया है। डीईटीसी विभाग की टीम यदि जीएसटी नंबर अलाट करने के बाद भी फिजिकल वैरिफिकेशन करती तो बड़ा घोटाला होने से बच सकता था। हालांकि अफसरों ने दुखड़ा यही रोया कि स्टाफ की कमी के चलते ऐसा हुआ। यही कारण है कि हाल ही में अंबाला में पांच और ईटीओ पदस्थापित किए गए। अब जिले में ईटीओ की संख्या सात हो गई है। लंबे समय से दो ईटीओ अंबाला छावनी और शहर को देख रहे थे।

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रामनगर में 144बी : एक दुकान और मकान

अंबाला छावनी के रामनगर में 144बी पते पर जहां एक मकान मिला है, वहीं एक दुकान है। इन लोगों को पता भी नहीं था कि यहां पर एचएस इंटरप्राइजेज बनाकर जालसाजों ने खेल किया है। यहां मौजूद हरप्रीत सिंह ने बताया कि आबकारी विभाग और पुलिस के अधिकारी जांच करने आए थे। उन्हें बता दिया था कि हमने कोई जीएसटी नंबर नहीं लिया है।

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तेली मंडी की गली में दिखा दिया कारोबार

अंबाला छावनी की तेली मंडी में सुरेंद्र के आवास पर लोहे का कारोबार दिखा दिया गया। यहां पर एसके इंटरप्राइजेज के नाम से फर्म खोली गई। सुरेंद्र कुमार की मौत 12 मार्च 2003 को हुई थी, जबकि 26 जून 2018 को उनसे किराये का मकान लेकर फैक्ट्री खोलना कागजों में दिखाया गया। जहां पर यह मकान है वहां पर न तो गाड़ी जा सकती है और न ही लोहे का कारोबार किया जा सकता है।

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दुर्गा नगर में मकान में दिखाया कारोबार

शहर के दुर्गा नगर में फर्जी फर्म खोलकर कारोबार दिखाया गया। यहां पर शर्मा इस्पात उद्योग फर्म दिखाई गई, जबकि पड़ताल में इस तरह का कोई कारोबार यहां चलता नहीं दिखा। फर्जी फर्म खोलकर जालसाजों ने करोड़ों का चूना लगाया।

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नाहन हाउस में दुकान में दिखाया कारोबार

नाहन हाउस में भी जब पड़ताल की तो पाया कि यहां पर इस तरह का कोई कारोबार नहीं है। इस जगह पर दीक्षा इंटरप्राइजेज के नाम पर फर्म दर्शाई गई है। मौके पर रणजीत सिंह ने बताया कि वह 1999 से काम कर रहा है, जबकि दीक्षा इंटरप्राइजेज के नाम से कोई फर्म नहीं है।


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