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एक साल का बकाया मिलने की उम्मीद, तीन साल का पेंडिग

शिक्षा सत्र 2021-22 में जहां 134ए के तहत बच्चे परीक्षा देने के बाद एडमिशन की तैयारी कर रहे हैं वहीं निजी स्कूलों को भी सरकार एक साल का बकाया जारी करने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 09:11 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:11 PM (IST)
एक साल का बकाया मिलने की उम्मीद, तीन साल का पेंडिग

जागरण संवाददाता, अंबाला : शिक्षा सत्र 2021-22 में जहां 134ए के तहत बच्चे परीक्षा देने के बाद एडमिशन की तैयारी कर रहे हैं, वहीं निजी स्कूलों को भी सरकार एक साल का बकाया जारी करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि जिन स्कूलों ने उक्त नियमावली के तहत बच्चों को निशुल्क पढ़ाया है, उनको यह राशि जारी की जाएगी। इसी को लेकर सरकार तैयारी कर रही है। हालांकि यह एक साल की राशि है, जबकि तीन साल का बकाया अभी भी पेंडिग है। इसी को लेकर स्कूलों में भी हलचल होने लगी है।

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उल्लेखनीय है कि शिक्षा नियमावली 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क पढ़ा सकते हैं। इसी को लेकर निजी स्कूलों में बच्चों को एडमिशन दिया गया। लेकिन पेंच वहां पर फंस गया, जब सरकार की ओर से इन बच्चों को पढ़ाने के लिए राशि जारी नहीं की गई। इसी को लेकर नेशनल इंडिपेंडट स्कूल अलायंस (निसा) ने भी सरकार के सामने इन निजी स्कूलों का पक्ष रखा। बताया जाता है कि चार शिक्षा सत्रों का बकाया सरकार की ओर है। अब सरकार एक शिक्षा सत्र का करीब सत्रह करोड़ रुपये जारी करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में अब सरकार द्वारा राशि जारी करने से स्कूलों की आर्थिक हालत में भी सुधार होगा। निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि सरकार एक शिक्षा सत्र के करीब सत्रह करोड़ रुपये देने जा रही है। यह सरकार का बेहतरीन कदम है।


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