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इंजीनियरिग के 45 छात्रों को क्लास से खदेड़ा, विज के दरबार में पहुंचे

गुरुनानक इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी मुलाना के करीब 45 छात्रों को सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप की दरकार है। अब तो प्रबंधन ने उन्हें क्लास से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 07:05 AM (IST)
इंजीनियरिग के 45 छात्रों को क्लास से खदेड़ा, विज के दरबार में पहुंचे

जागरण संवाददाता, अंबाला: गुरुनानक इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी मुलाना के करीब 45 छात्रों को सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप की दरकार है। अब तो प्रबंधन ने उन्हें क्लास से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अपने भविष्य को अंधकारमय होता देख इंजीनियरिग का कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं ने बुधवार को गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचकर अपना दुखड़ा रोया। विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए गृह मंत्री ने तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक को इस समस्या का हल निकलने के लिए लिखा है।

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तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए गुरु नानक इंजीनियरिग इंस्टीट्यूट आफ टेक्नॉलोजी में एससी कोटे से करीब 45-50 बच्चों ने दाखिला लिया। इन बच्चों को सरकार की तरफ से मिलने वाली स्कॉलरशिप पिछले दो साल से नहीं मिल रही है। इन विद्यार्थियों ने काफी जिद्दोजहद के बाद वर्ष 2019-20 में कॉलेज में पढ़ाई की। वहीं इस बार वर्ष 2020 में गुरु नानक इंजीनियरिग इंस्टीट्यूट आफ टेक्नॉलोजी के प्रबंधन ने उन्हें क्लास से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कॉलेज प्रबंधन के इस कदम से इन छात्र छात्राओं का भविष्य दांव पर लग गया।

क्लास से बाहर किए गए करीब एक दर्जन छात्रों ने गृहमंत्री अनिल विज के शास्त्रीनगर आवास पर पहुंचकर जनता दरबार में अपनी समस्या बताई। गृह मंत्री ने बच्चों के भविष्य से किसी भी तरह से खिलवाड़ नहीं होने का भरोसा दिलाया। उन्होंने अपने पीए को तुरंत तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक से लेकर सरकार के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या का निस्तारण करने को कहा है। विज के त्वरित एक्शन को देखते हुए बच्चों ने थोड़ी राहत महसूस की कि उन्हें शायद इसका लाभ मिले। सरकार स्कॉलरशिप लाभार्थी बच्चों के खाते में देती है। दो साल से सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप नहीं दी गई है। प्रबंधन ने बच्चों की समस्या को देखते हुए एक साल अपने खर्च पर क्लास में शिक्षा दी। बच्चों के फीस की इतनी बड़ी रकम हर साल प्रबंधन नहीं उठा सकता है। इसलिए बच्चों को क्लास में आने से मना कर दिया गया है।

- सचिन चावला, डीन, गुरुनानक इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी, मुलाना


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