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बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या: पोता IAS, बेटों के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी; खाने को देते थे दो दिन की बासी रोटी

बेटों के पास बाढड़ा में 30 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है पर अपने पिता को खिलाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं है। जिन मां बाप ने पैदा किया पाला-पोसा बड़ा किया उन्ही को बेटों और बहुओं ने उनको आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Fri, 31 Mar 2023 12:53 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 04:12 AM (IST)
बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या: पोता IAS, बेटों के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी; खाने को देते थे दो दिन की बासी रोटी
बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या: बेटों के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी; खाने को देते थे दो दिन की बासी रोटी

बाढड़ा (चरखी दादरी), जागरण संवाददाता : बेटों के पास बाढड़ा में 30 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है पर अपने पिता को खिलाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं है। जिन मां बाप ने पैदा किया, पाला-पोसा, बड़ा किया उन्ही को बेटों और बहुओं ने उनको आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।

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आत्महत्या का कदम उठाने वाले एक पिता ने अपने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयां किया है। इनके बच्चे के पास करोड़ों की संपत्ति है, पोता आईएएस अधिकारी हैं, जिसकी तैनाती करनाल में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर अंडर ट्रेनिंग है।

मजबूर बुजुर्ग दंपति ने निगला जहर

उपेक्षा का दंश ऐसा कि 78 वर्षीय जगदीश चंद आर्य ने 77 साल की अपनी पत्नी भागली देवी के साथ जहर निगल लिया। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर दंपती के बेटे, बहु समेत चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। गुरुवार को शोक स्वरूप बाढड़ा के बाजार बंद रहे। चरखी दादरी जिले के गोपी गांव निवासी जगदीश चंद आर्य वर्तमान में बाढड़ा की शिव कॉलोनी में अपने बेटे वीरेंद्र के साथ रहते थे।

जहरीला पदार्थ निगलने के बाद इस दंपती को उपचार के लिए बाढड़ा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उन्होंने पुलिस को सुसाइड नोट सौंपा। यहां से उन्हें चरखी दादरी के सरकारी अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने गुरुवार को शवों का पोस्टमार्टम कराया।

बहु ने पीटकर घर से निकला

डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची तब जगदीश चंद्र जीवित थे। उन्होंने ही पुलिस को लिखित शिकायत दी है, जिसे सुसाइड नोट मानकर उनके बेटे वीरेंद्र, बहु सुनीता, दूसरी बहु नीलम व विकास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है कि उनके बेटों के पास बाढड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन बुजुर्ग पिता को देने के लिए दो रोटी नहीं है। वह अपने छोटे बेटे महेंद्र के पास रहते थे। छह साल पहले उसकी मृत्यु हो गई। उसकी पत्नी ने कुछ दिन उन्हें रोटी दी, लेकिन बाद में पीटकर घर से निकाल दिया।

सुसाइड नोट में चार लोगों को बताया मौत का कारण

वह दो वर्ष अनाथ आश्रम में रहे। फिर यहां आए तो बहू ने निकाल दिया और मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान उनकी पत्नी लकवाग्रस्त हो गईं और वह दूसरे बेटे वीरेंद्र के पास रहने लगीं। अब वीरेंद्र ने भी रखने से मना कर दिया। उन्हें बासी रोटी और दो दिन का बासी दही दे रहा था। यह मीठा जहर कितने दिन खाता इसलिए सल्फास की गोली खा ली। सुसाइड नोट में पुत्र, पुत्रवधू सहित चार लोगों को मौत का कारण बताया है।


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