जिला अस्पताल में दवाओं का अकाल, मरीजों को बाहर से लेनी पड़ रही दवा
जिला नागरिक अस्पताल में दवाओं का अकाल ही पड़ गया है। क्योंकि ज्यादातर मरीजों को बाहर की दवाएं ही डाक्टर लिख रहे हैं। हालांकि कुछ डाक्टर पहले से ही पीली पर्ची पर लिखकर मरीज को बता देंते हैं कि यह दवा बाहर से ही मिलेगी। जबकि कुछ डाक्टर अस्पताल की पर्ची पर दवा लिख देते हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :
जिला नागरिक अस्पताल में दवाओं का अकाल ही पड़ गया है। क्योंकि ज्यादातर मरीजों को बाहर की दवाएं ही डाक्टर लिख रहे हैं। हालांकि कुछ डाक्टर पहले से ही पीली पर्ची पर लिखकर मरीज को बता देंते हैं कि यह दवा बाहर से ही मिलेगी। जबकि कुछ डाक्टर अस्पताल की पर्ची पर दवा लिख देते हैं। इसके बाद मरीज को दवा काउंटर पर पहुंचने के बाद पता चलता है कि यह दवा तो बाहर से मिलेगी। इस तरह पहले मरीज को डाक्टर से इलाज शुरू करवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। फिर दवा खिड़की पर अपनी बारी आने के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद उन्हें पता चलता है कि जिस दवा को लेने के लिए कतार में थे वह दवा अस्पताल में मौजूद ही नहीं है। सोमवार को सैकड़ों मरीजों के साथ ऐसा हुआ। मरीज दवा खिड़की पर दवा लेने के लिए लगे तो जरूर लेकिन बाद में उनके हाथ सिवाए निराशा के कुछ नहीं लगा।
मुझे छाती में दिक्कत है। एक पीली स्लिप देकर डाक्टर ने कहा कि इस पर लिखी दवाई बाहर से मिलेगी जबकि दूसरी दवाइयां यहां से मिल जाएंगी।
गुरप्रीत सिंह, डुलियाना।
मुझे एलर्जी है। चार महीने से दवाएं ले रहा हूं। हर बार एक दवा ही यहां से मिलती है। बाकि सभी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं।
मोहम्मद रफी, बलदेव नगर।
बच्चों वाले डाक्टर को दिखाया है। लंबे इंतजार के बाद डाक्टर ने देखा करीब दो घंटे बाद नंबर आया। फिर दवा खिड़की पर एक घंटा लग गया। इसके बाद पता चला कि एक दवाई ही यहां से मिलेगी बाकि बाहर से।
पूजा, सुलतानपुर बैरियर।
मेरा बच्चा शहर के स्कूल पड़ता है। मेरे बेटे के दिल में छेद है। केवल मुझे एक ही टेबलेट बेटे के लिए यहां से मिलती हैं जबकि सारी दवाएं बाहर से ही लानी पड़ती हैं। गरीब आदमी इसीलिए यहां आता है कि कम पैसों में इलाज हो जाए। लेकिन दवाएं तो यहां भी बाहर से मिलती है। हां बस डाक्टर फीस नहीं लेते।
दाऊद, छावनी।